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राहुल गांधी का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की आवाज में अब घबराहट साफ सुनाई देने लगी है, क्योंकि उन्हें अहसास हो गया है कि जनता उनके दावों का राज जान गई है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को निशाना बनाने के लिए लालकृष्ण आडवाणी, अमित शाह, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और आरएसएस, सभी का इस्तेमाल किया. उनके आरोप तीखे थे. उन्होंने बीच-बीच में कांग्रेस पार्टी में बदलाव का भरोसा देकर मुंबई में जुटे कार्यकर्ताओं का हौसला भी बढ़ाया.
लेकिन राहुल गांधी का हर तीर सिर्फ तीन लोगों पर चला- पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस.
राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से कहा, पीएम मोदी का भाषण बहुत ध्यान से सुनिए, उनकी आवाज में घबराहट साफ सुनाई देती है. उन्होंने कहा:
राहुल की इस बात पर भीड़ ने पूछा कि क्या ये नेता लालकृष्ण आडवाणी हैं? इस पर उन्होंने जवाब दिया, ''नहीं भाई, विपक्ष के बहुत सीनियर नेता हैं, पर आडवाणी नहीं है.’’
राहुल ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के जरिए पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आडवाणी का अपमान अब नहीं देखा जाता. इसके बाद उन्होंने हिंदू धर्म की गुरुकुल परंपराओं की याद दिलाई:
राहुल गांधी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी उनके राजनीतिक विरोधी रहे हैं, पर उनका सम्मान करते हैं, क्योंकि उन्होंने देश के लिए बहुत कुछ किया है. कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक जब उन्हें वाजपेयी की सेहत खराब होने का पता चला, तो सबसे पहले वे ही एम्स पहुंचे.
राहुल को अहसास हुआ कि वो बहुत राज खोल गए हैं, तो वे बोले, ''शायद मैं थोड़ा ज्यादा बोल गया.'' इसके बाद उन्होंने ऐसे देखा, जैसे कह रहे हों कि अब बोल ही दिया है तो देख लेंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष ने मुंबई में जुटे पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वो बीजेपी और आरएसएस के झूठ से मुकाबला करें. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा किसानों की दिक्कत, हर खाते में 15 लाख रुपए देने का वादा, हर साल 2 करोड़ रोजगार देने जैसे तमाम वादों पर बीजेपी का पर्दाफाश करें.
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