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बिहार में 'न्याय यात्रा' की एंट्री: नीतीश पर चुप रहे राहुल- OBC, जाति जनगणना का उठाया मुद्दा

बिहार में पार्टी के गठबंधन सहयोगियों, आरजेडी और सीपीआई (एमएल)-एल को पूर्णिया रैली में आमंत्रित किया गया है.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>बिहार पहुंची "न्याय यात्रा", बोले राहुल- "देश में RSS-BJP की विचारधारा ने नफरत फैलाया"</p></div>
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बिहार पहुंची "न्याय यात्रा", बोले राहुल- "देश में RSS-BJP की विचारधारा ने नफरत फैलाया"

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' 29 जनवरी को बिहार में प्रवेश कर गई है. एक दिन पहले ही, उनकी पार्टी राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा थी लेकिन नीतीश कुमार के एनडीए में चले जाने से कांग्रेस अब विपक्ष में है. 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद गांधी की यह पहली बिहार यात्रा है. पूर्णिया में उनकी रैली है. राज्य में अब नीतीश कुमार के साथ उनके समीकरण बदल गए हैं. ऐसे में उनकी इस रैली पर सबकी नजर होगी. उससे पहले किशनगंज में राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर कई आरोप लगाए हैं.

किशनगंज में राहुल गांधी ने कहा "पिछले साल हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक 'भारत जोड़ो यात्रा' की थी. चार हजार किमी तक यह यात्रा चली. बहुत सारे लोगों ने हमसे पूछा कि इस यात्रा का लक्ष्य क्या है और इसे आप पैदल क्यों कर रहे हैं?

हमने कहा- देश में RSS-BJP की विचारधारा ने हिंसा और नफरत फैला रखी है. इसलिए हमने 'नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान' खोलने के लिए यह यात्रा निकाली. हिन्दुस्तान की राजनीति पर इस यात्रा का बहुत बड़ा असर पड़ा था."

राहुल गांधी ने आगे कहा...

"BJP ने देश के सामने नफरत और हिंसा की विचारधारा रखी है, उसके खिलाफ हम मोहब्बत की विचारधारा लेकर आए हैं. नफरत को नफरत नहीं काट सकती, नफरत को सिर्फ मोहब्बत से ही खत्म किया जा सकता है. एक तरफ BJP-RSS के लोग नफरत से देश को बांटने की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ हम मोहब्बत की बात करते हैं."

मणिपुर को लेकर पीएम मोदी पर उठाए सवाल

उन्होंने मणिपुर के हालातों पर बात की और पीएम मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा...

"जब हमने 'भारत जोड़ो यात्रा' पूरी की, तब कई लोगों ने हमसे कहा कि एक यात्रा नॉर्थ ईस्ट से लेकर महाराष्ट्र तक होनी चाहिए. जिसके बाद हमने 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' निकाली. इस यात्रा की शुरूआत मणिपुर से हुई, जहां हमने BJP की विचारधारा को अपनी आखों से देखा. मणिपुर को 2 भागों में बांट दिया गया है और भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है. वहां अभी भी हिंसा जारी है लेकिन हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री आज तक मणिपुर नहीं गए."

राहुल ने की जाति-जनगणना की मांग

राहुल ने कहा "हिन्दुस्तान की सरकार को 90 अफसर चलाते हैं, देश के पूरे बजट का निर्णय यही अफसर लेते हैं. लेकिन इन 90 अफसरों में OBC वर्ग के सिर्फ 3 लोग हैं. इसलिए हमने सामाजिक न्याय के लिए एक क्रांतिकारी काम करने का निर्णय लिया है.

उन्होंने कहा "पूरे देश को पता चलना चाहिए कि हिंदुस्तान में कितने OBC, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग हैं. इसलिए जाति जनगणना बेहद जरूरी है.

राहुल गांधी की ये यात्रा, लोकसभा चुनावों से पहले समर्थन जुटाने के लिए 14 जनवरी को मणिपुर में शुरू हुई. पूर्वोत्तर से यात्रा करने के बाद भारत जोड़ो न्याय यात्रा 25 जनवरी को बंगाल पहुंची. इससे पहले उन्होंने दो दिन का ब्रेक लिया था और दिल्ली चले गए.

कांग्रेस नेता दिल्ली के लिए विमान में चढ़े, तो कांग्रेस बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार का हिस्सा थी. दो दिन बाद ब्रेक के बाद यात्रा फिर से शुरू हुई, नीतीश कुमार उसी पद पर हैं, लेकिन अब उनके नए साथी बीजेपी और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा हैं.

भारत जोड़ो न्याय यात्रा 29 जनवरी की सुबह बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के सोनपुर से शुरू हुई और सुबह करीब 11 बजे बिहार के किशनगंज पहुंची. किशनगंज मुस्लिम बहुल क्षेत्र है और ये 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद से किशनगंज सीट कांग्रेस के पास है.

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JDU के गढ़ पूर्णिया में राहुल की रैली

यात्रा 30 जनवरी को पूर्णिया और 31 जनवरी को कटिहार जाएगी. दोनों जिले जदयू के गढ़ हैं और जब यात्रा शुरू हुई तो यह कांग्रेस के लिए अनुकूल क्षेत्र था. अब समीकरण बदल गए हैं.

इधर, भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर राज्य कांग्रेस के नेताओं ने जानकारी दी कि बिहार में पार्टी के गठबंधन सहयोगियों, आरजेडी और सीपीआई (एमएल)-एल को पूर्णिया रैली में आमंत्रित किया गया है. ऐसे में इस रैली में राहुल गांधी नीतीश कुमार पर निशाना साध सकते हैं.

2020 के विधानसभा चुनाव के बाद गांधी की यह पहली बिहार यात्रा है. 2020 के चुनाव के बाद एनडीए गठबंधन ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाई. दो साल बाद, अगस्त 2022 में नीतीश एनडीए गठबंधन से बाहर चले गए और अलग हुए सहयोगियों आरजेडी और कांग्रेस के साथ फिर से जुड़ गए. 28 जनवरी को, उन्होंने फिर से एनडीए के साथ मिलकर एक बार फिर समीकरण बदल लिए.

नीतीश के फैसले पर कांग्रेस ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने बिहार में उलटफेर पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नीतीश कुमार को "आया राम गया राम" कहा है. वहीं, जेडीयू ने अपनी ओर से कांग्रेस पर इंडिया ब्लॉक को हाईजैक करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

नीतीश विपक्षी गुट इंडिया गठबंधन के गठन में सबसे आगे थे. अब उन्होंने कहा इंडिया गठबंधन में चीजें आगे नहीं बढ़ रही हैं. जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि कांग्रेस के अहंकार के कारण गठबंधन खत्म हुआ.

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