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संसद के विशेष सत्र के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार 18 सितंबर को महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) को मंजूरी दे दी. आज इस बिल को संसद के मौजूदा विशेष सत्र में पेश किया जाएगा. कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दिए जाने की खबरों का स्वागत किया है.
कांग्रेस पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस बिल का स्वागत करते हुए इसका इतिहास पोस्ट किया. पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि UPA सरकार ने 2008 में विधेयक का मसौदा तैयार किया था, लेकिन दो साल बाद उच्च सदन द्वारा पारित होने के बाद यह रुका हुआ था.
हालांकि, BJP और कांग्रेस ने हमेशा विधेयक का समर्थन किया है, लेकिन अन्य दलों के विरोध और महिला कोटा के भीतर पिछड़े वर्गों के लिए कोटा की मांग के रूप में बाधाएं थीं.
वहीं, कांग्रेस ने अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से 16 जुलाई, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए एक पत्र को भी जारी किया. इस पत्र में महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल पारित कराने की मांग की गई थी. जयराम रमेश का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए पत्र में लिखा कि...
इस पत्र में उन्होंने बताया कि बिल को उच्च सदन में BJP के समर्थन से पारित किया गया था. उस समय विपक्ष के नेता रहे दिवंगत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इसे "ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण" कहा था.
उन्होंने कहा, "आइए महिलाओं को सशक्त बनाने के मुद्दे पर पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर एक साथ खड़े हों और भारत को संदेश दें कि हमें विश्वास है कि बदलाव का समय आ गया है."
संसद सत्र से पहले, सरकार द्वारा विधेयक का समर्थन करने और विपक्ष के नेताओं द्वारा महिला आरक्षण पर जोर देने को लेकर भारी चर्चा थी. यह मामला विशेष सत्र के पहले दिन की कार्यवाही के दौरान भी उठाया गया था.
बाद में 18 सितंबर की शाम को,जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "महिला आरक्षण लागू करने की कांग्रेस पार्टी की लंबे समय से मांग रही है. हम केंद्रीय मंत्रिमंडल के कथित फैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण का इंतजार कर रहे हैं." उन्होंने आगे कहा कि अगर केंद्र सरकार चाहती तो वह सर्वदलीय बैठक में इस बिल पर सहमती बना सकती थी.
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