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राफेल मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार को लगातार घेरने में लगे हैं. इसी को देखते हुए आज एक बार फिर राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक ईमेल का जिक्र किया. ईमेल के सहारे राहुल ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा,
राहुल ने पीएम मोदी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पहले राफेल में भ्रष्टाचार का मामला था, लेकिन अब ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट के उल्लंघन का भी मामला सामने आया है. राहुल ने कहा,
राहुल गांधी ने राफेल डील पर CAG की रिपोर्ट को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि यह कैग नहीं बल्कि चौकीदार ऑडिटर जनरल रिपोर्ट है. हम सीएजी संस्था पर सवाल नहीं उठा रहे. लेकिन अब किसी के दिमाग में कोई शक नहीं है कि पीएम भ्रष्ट हैं.
उन्होंने कहा, “मैंने पीएम से कहा कि आप हमारी या विपक्ष के नेताओं की जांच करिये, लेकिन राफेल की भी जांच करवाइये. जेपीसी गठित करिये, लेकिन क्यों नहीं कर रहे हैं. मेरी कितनी जांच करनी है करो.”
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले राहुल ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा, ‘प्रिय छात्रों और देश के युवाओं, हर रोज राफेल को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं. इन खुलासों से साफ हो रहा है कि प्रधानमंत्री ने अपने दोस्त अनिल अंबाली की आपके 30 हजार करोड़ रुपए चुराने में मदद की. राफेल स्कैम पर आप मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस सुबह 11 बजे से देखिए.’
इससे पहले शुक्रवार को भी राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक रिपोर्ट दिखाते हुए कहा था, ''अब एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री फ्रांस सरकार के साथ समानांतर सौदेबाजी कर रहे थे.''
राहुल गांधी ने अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, ''राफेल डील पर फ्रांस सरकार के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की समानांतर सौदेबाजी का रक्षा मंत्रालय ने कड़ा विरोध किया था. रक्षा मंत्रालय का 24 नवंबर, 2015 एक नोट तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के संज्ञान में लाया गया था. इस नोट में साफ कहा गया था कि PMO के समानांतर दखल से रक्षा मंत्रालय और समझौता करने वाली टीम की सौदेबाजी की स्थिति कमजोर हो गई थी.’’
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