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राफेल पर राहुल: डिफेंस मिनिस्ट्री दरकिनार, मोदी खुद बने खरीदार   

राहुल गांधी का कहना है कि राफेल सौदे में पीएम मोदी ने देश की सुरक्षा को ताक पर रख दिया.

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राफेल मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार को लगातार घेरने में लगे हैं. इसी क्रम में राहुल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक रिपोर्ट दिखाते हुए कहा, ''अब एक रिपोर्ट आई है, जिसके मुताबिक रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री फ्रांस सरकार के साथ समानांतर सौदेबाजी कर रहे थे.''

‘PMO के दखल पर रक्षा मंत्रालय ने जताई थी आपत्ति’

राहुल गांधी ने अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, ''राफेल डील पर फ्रांस सरकार के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की समानांतर सौदेबाजी का रक्षा मंत्रालय ने कड़ा विरोध किया था. रक्षा मंत्रालय का 24 नवंबर, 2015 एक नोट तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के संज्ञान में लाया गया था. इस नोट में साफ कहा गया था कि PMO के समानांतर दखल से रक्षा मंत्रालय और समझौता करने वाली टीम की सौदेबाजी की स्थिति कमजोर हो गई थी.’’

तत्कालीन रक्षा सचिव ने कही ये बात

‘द हिंदू’ की रिपोर्ट आने के बाद राफेल समझौते के समय रक्षा सचिव रहे जी मोहन कुमार का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा है, ''उस नोट का कीमत से कोई लेना-देना नहीं था. वह सिर्फ सोवरेन गारंटी, सामान्य नियमों और शर्तों के बारे में था.''

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रक्षा मंत्री ने भी बोला झूठ: राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस (राफेल) मुद्दे पर झूठ बोला है. फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने स्वीकारा था कि पीएम मोदी ने खुद उनसे (ऑफसेट डील के लिए) अनिल अंबानी को चुनने के लिए कहा था.''

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