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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ट्विटर पर खासा एक्टिव रहते हैं, कभी कविता तो कभी व्यंग्य की मदद से बीजेपी और पीएम मोदी पर कटाक्ष करते नजर आ जाते हैं. इस बार राहुल ने हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद के लेख का सहारा लेकर सांप्रदायिकता का मुद्दा उठाया है.
राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा
राहुल ने जो ट्वीट में लिखा है वो मुंशी प्रेमचंद्र ने 1934 में अपने लेख 'सांप्रदायिकता और संस्कृति' में लिखा था. बता दें कि 3 दिन पहले 31 जुलाई को मुंशी प्रेमचंद की 136वीं जयंती थी. अब राहुल के इस ट्वीट को इशारों-इशारों में बीजेपी पर हमले के तौर पर देखा जा रहा है.
अभी हाल ही में राहुल ने बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका ग्रह से कई लड़कियों के साथ हुए बलात्कार की खबरों को लेकर भी ट्ववीट कर सवाल उठाया था. राहुल ने बिना नीतीश कुमार और पीएम मोदी का नाम लिए ट्ववीट कर कहा था,
‘आश्वासन बाबू’ और ‘सुशासन बाबू’ की कहानी .
हमने सुना है, कि जिसको चुना है,
उसने ‘बेटी बचाओ’ का सिर्फ़ नारा ही दिया है.
इससे पहले भी राहुल कई बार बिना बीजेपी का नाम लिए उस पर कटाक्ष कर चुके हैं. देश में लगातार क्वेश्चन पेपर से लेकर डेटा लीक के मामले सामने आ रहे थे उसी को देखते हुए राहुल ने पीएम मोदी पर व्यंग्य करते हुए कहा था,
राहुल ने अपने ट्वीट में एक कविता के जरिए पीएम मोदी पर देश के बैंकिंग सिस्टम को बर्बाद कर डालने का आरोप लगाया था. ट्वीट में राहुल ने कहा था,
“समझो अब नोटबंदी का फरेब
आपका पैसा निरव मोदी की जेब
मोदीजी की क्या ‘माल्या’ माया
नोटबंदी का आतंक दोबारा छाया
देश के ATM सब फिर से खाली
बैंकों की क्या हालत कर डाली”
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बीते कई दिनों से सोशल मीडिया के जरिए मोदी सरकार को घेर रहे हैं. राहुल ट्विटर पर आक्रामक तौर पर ट्वीट करते हैं.
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