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तत्काल टिकट IRCTC की वेबसाइट से अब तुरंत गायब नहीं होंगे. आरपीएफ ने कुछ अवैध सॉफ्टवेयर को हटा कर 60 ऐसे एजेंटों को गिरफ्तार किया है,जो तत्काल टिकटों को ब्लॉक कर दिया करते थे. रेलवे के मुताबिक इसका असर दिखा है और मिनटों में गायब हो जाने वाले ये टिकट अब घंटों तक साइट पर बरकरार रहते हैं.
आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया कि रेलवे ने तत्काल टिकट बुक करने में हो रही धोखाधड़ी को रोकने के लिए ‘क्लीनजिंग ऑपरेशन’ को अंजाम दिया है. अब तत्काल टिकट घंटों तक वेबसाइट पर रहते हैं. पहले बुकिंग शुरू होते ही ये तुरंत खत्म हो जाते थे. उन्होंने बताया
एक जनरल यूजर के लिए टिकट बुक करने का प्रोसेस 2.55 मिनट का होता है. लेकिन इन अवैध सॉफ्टवेयर से पूरी प्रक्रिया 1.48 मिनट में पूरी हो जाती है. दरअसल यह काम एजेंट करते थे, जबकि रेलवे एजेंटों को तत्काल टिकट बुक करने की इजाजत नहीं देता. पिछले दो महीनों के भीतर आरपीएफ ने ऐसे 60 गैरकानूनी एजेंटों को पकड़ा है, जो इन अवैध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर जेनुइन टिकट खरीदारों की बुकिंग लगभग नामुमकिन बना देते थे
कुमार ने कहा कि हर साल इन अवैध सॉफ्टवेयर से एजेंट 50 से 100 करोड़ रुपये का कारोबार होता था. रेलवे की इस कार्रवाई का असर साफ दिखा है. जैसे,
कुमार ने कहा कि टिकटों की उपलब्धता की यह स्थिति अलग-अलग रेलवे जोन की है. अब तत्काल टिकट ज्यादा देर तक उपलब्ध रहते हैं. उन्होंने कहा हम अभी भी ऐसे अवैध सॉफ्टवेयर पर नजर रखे हुए हैं जिनके जरिये तत्काल टिकट बुक करने की कोशिश हो रही है.
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