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उत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश (Heavy Rainfall) के कारण पिछले दो दिनों में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है. मौसम कार्यालय ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की भविष्यवाणी की है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है.
IMD ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में है, जिसके कारण कल भारी बारिश हुई, जिसमें दिल्ली भी शामिल है, जहां लगातार बारिश के कारण लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
दिल्ली में भारतीय मौसम विभाग ने रविवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली में 7.5 मिमी से 15 मिमी बारिश होने की संभावना है, जिससे अधिक परेशानी हो सकती है.
बारिश के कारण शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न स्थानों पर 15 मकान गिर गए. रविवार सुबह भी एक घर गिर गया. पिछले दो दिनों से पूरे एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में भारी बारिश हो रही है, जिससे गंभीर जलजमाव की समस्या पैदा हो गई है और यातायात प्रभावित हुआ है.
दिल्ली के श्रीनिवासपुरी में रविवार, 09 जुलाई को बारिश के बीच एक नवनिर्मित स्कूल की दीवार गिर गई. श्रीनिवासपुरी दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी का विधानसभा क्षेत्र है. यह स्कूल करीब चार महीने पहले करीब 16 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था.
CM अरविंद केजरीवाल ने भारी बारिश को देखते हुए कल स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बरसात को देखते हुए लोगों को बेहद सतर्कता बरतने की अपील की है. धामी ने ट्विटर हैंडल पर जारी अपने बयान में कहा है कि मौसम विभाग की अगले 13 जुलाई तक जारी रेड अलर्ट को देखते हुए सभी प्रशासनिक अधिकारी पुलिस प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन को अलर्ट मोड पर रखा गया है.
तेज बारिश के चलते कुमाऊं की कई नदियां उफान पर हैं तो गढ़वाल और कुमाऊं में पहाड़ों से पत्थर गिर रहे हैं. इस कारण सड़कें भी अवरुद्ध हो रही हैं.
मौसम विभाग ने नदियों के किनारे और पहाड़ी मार्गों पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. कई दिनों से प्रदेश भर के ज्यादातर इलाके बारिश में जलमग्न हैं. पहाड़ से लेकर मैदान और कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक सब जगह बारिश हो रही है.
बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग शनिवार को पहाड़ी से बोल्डर गिरने के कारण एक बार फिर अवरुद्ध हो गया. बाजपुर चाडा के पास पहाड़ी से चट्टान टूटने के कारण बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग एक बार फिर बंद हो गया. मार्ग बंद होने की वजह से गाड़ियों को दूसरे रास्ते से निकालना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा है कि कोई भी अधिकारी एवं कर्मचारी अपने संचार व्यवस्थाओं को हमेशा सुचारू रखें तथा कोई भी मोबाइल स्विच ऑफ ना करें.
सीएम धामी ने कहा है कि पहाड़ों में हो रही लगातार बरसात के चलते जगह-जगह जलभराव एवं भूस्खलन की स्थिति बनी हुई है. लेकिन फिर भी पूरा प्रशासनिक अमला युद्ध स्तर पर इसे दुरुस्त करने में जुटा है.
उन्होंने लोगों को अपने आगे के प्रोग्राम को मौसम विभाग के निर्देशानुसार अलर्ट होकर यात्रा करने के लिए कहा है. धामी ने कहा है कि 15 तारीख तक जब तक कावड़ यात्रा समाप्त नहीं हो जाती, तब तक प्रशासनिक अमला अलर्ट मोड पर रहेंगे.
पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में रविवार को जुलाई में एक ही दिन में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई. बारिश ने यहां 23 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. 24 घंटे में 322 मिमी बारिश हुई है.
शहर में इससे पहले यहां 18 जुलाई 2000 को 262 मिमी की सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई थी. अधिकारियों ने लगातार बारिश के बाद, जल स्तर 1,162.54 फीट तक पहुंचने पर मानव निर्मित सुखना झील के गेट खोल दिए है. सुखना धारा झील के अलावा पानी घग्गर नदी तक ले जाती है.
पानी छोड़े जाने से बलटाना और जीरकपुर कस्बों के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई. पुलिस ने जनता को जलभराव के कारण किशनगढ़ गांव से सुखना झील और मनीमाजरा के शास्त्री नगर की ओर जाने वाली सड़क से बचने की सलाह दी है.
शहर के पत्रकार तरूण शर्मा ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि उनके सेक्टर 38 आवास के सामने एक पीपल का पेड़ भारी बारिश के कारण गिर गया. पेड़ के गिरने से बिजली के तार टूट गए और उनकी कार क्षतिग्रस्त हो गई. हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ है.
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि उन्होंने लोड कम करने के लिए पेड़ की शाखाओं को काटने के लिए नगर निगम को पत्र दिया था. हालांकि, पेड़ को मानदंडों के अनुसार नहीं काटा गया था. आईएमडी द्वारा पहले से ही भारी बारिश की चेतावनी जारी करने के साथ, पंजाब सरकार हाई अलर्ट पर है.
हिमाचल प्रदेश में भी रविवार को भारी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन हुआ, मकान क्षतिग्रस्त हो गए और पांच लोगों की मौत हो गई. शिमला जिले के कोटगढ़ क्षेत्र में बारिश के कारण भूस्खलन के बाद एक घर ढहने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई.
भूस्खलन से कुल्लू शहर के पास एक अस्थायी घर भी क्षतिग्रस्त हो गया, जिसमें एक महिला की मौत हो गई. एक अन्य घटना में, शनिवार रात चंबा की कटियां तहसील में भूस्खलन के बाद एक व्यक्ति जिंदा दफन हो गया.
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, पिछले 36 घंटों में राज्य में तेरह भूस्खलन और नौ फ्लैश बाढ़ की सूचना मिली है. मंडी, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिलों में भारी बारिश ने कहर बरपाया, जिससे निजी और सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है. खराब मौसम के चलते स्कूल-कॉलेजों में सरकार ने दो दिन की छुट्टी कर दी है.
मानसून ने पूरे गुरुग्राम में तबाही मचा दी है क्योंकि लगातार बारिश से सड़कें जलमग्न हो गई हैं और नालियां उफान पर हैं, जिससे बड़े पैमाने पर जलभराव हो गया है और घंटों तक यातायात बाधित रहा है.
गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने रविवार को बताया कि हिमगिरी चौक, सेक्टर-10ए के पास, अग्रवाल धर्मशाला चौक, शीतला माता मंदिर रोड, कन्हाई चौक, सुभाष चौक, खांडसा और राजीव चौक पर जलभराव की सूचना मिली है. रात भर हुई बारिश के कारण गुरुग्राम-दिल्ली एक्सप्रेसवे पर भी जलभराव हो गया है.
जिला प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक, रविवार सुबह 8 बजे तक गुरुग्राम में 71 मिमी बारिश हुई. इस बीच, गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) ने बारिश खत्म होने तक गैर-मोटर चालित परिवहन (एनएमटी) और सार्वजनिक उपयोग के लिए पैदल यात्रियों के लिए सभी अंडरपास और सबवे बंद कर दिए हैं.
लगातार बारिश के मद्देनजर गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने रविवार को निजी संस्थानों और कॉर्पोरेट कार्यालयों को एक सलाह जारी की है कि वे अपने कर्मचारियों को सोमवार को घर से काम करने के लिए निर्देशित करें ताकि ट्रैफिक से बचा जा सके.
गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा इससे नागरिक एजेंसियों को जल निकासी और मरम्मत कार्य तेजी से करने में भी मदद मिलेगी. हमने निवासियों को बारिश के कारण अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की भी सलाह दी.
(इनपुट्स - एएनआई )
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