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राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को चुनाव प्रचार खत्म हो गया है और अभी तक राज्य में कांग्रेस का पड़ला भारी नजर आ रहा है. है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है और आखिरी दो दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी ताकत राजस्थान में झोंक दी.
राजस्थान में चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी ने सबसे आगे रही जिसने 222 बड़ी रैलियां और सभाएं कीं. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की जनसभाएं शामिल हैं. .
7 दिसंबर को वोटिंग होगी और 11 दिसंबर को नतीजे आएंगे. लेकिन राजस्थान में पहले ओपिनियन पोल और आखिरी दिन तक सट्टा बाजार में कांग्रेस की जीत की उम्मीद लगाई जा रही है.
करीब महीने भर पहले के एबीपी न्यूज और CSDS के सर्वे में वसुंधरा सरकार की हार का अनुमान लगाया गया था. इसमें कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है.
सट्टा बाजार को राजस्थान में वसुंधरा राजे की सरकार की वापसी पर भरोसा नहीं है. वोटिंग में अब कुछ ही वक्त बचा है लेकिन सट्टे भाव में ट्रेंड बरकरार है कि कांग्रेस की सरकार आ रही है.
ताजा आंकड़ों में बीजेपी के लिए सिर्फ 56 से 58 सीटों पर बराबरी का भाव चल रहा है. 19 नवंबर वाले हफ्ते में बीजेपी को 51 से 54 सीटों के लिए बराबरी का भाव था.
सट्टा बाजार के भाव से साफ पता लगता है कि बीजेपी के लिए राजस्थान में वापसी का रास्ता काफी मुश्किल है.
यहां चुनाव से लेकर क्रिकेट तक हार-जीत की बाजी लगती है. क्विंट हिंदी ने फलौंदी पहुंचकर सट्टा बाजार का माहौल समझा. यहां कुछ सटोरियों से बातचीत की. सटोरियों ने बताया कि 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस को 123 से 125 सीटों पर बराबरी का भाव मिल रहा है. यानी सट्टा बाजार को लगता है कि कांग्रेस इस नंबर तक आसानी से पहुंच जाएगी. वहीं बीजेपी को 57 से 59 सीटें मिल सकती हैं.
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Published: 05 Dec 2018,04:41 PM IST