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राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर जिले का कामां इलाका अब पूरी तरह से खनन मुक्त हो चुका है. राज्य सरकार ने अलग-अलग आदेश जारी कर कनकांचल और आदिबद्री पर्वत क्षेत्र के सभी 46 खनन पट्टों को 'प्रीमैच्योर टर्मिनेट' कर दिया है.
बता दें ब्रज क्षेत्र में खनन रोकने के लिए संत समाज ने 555 दिन का आंदोलन चलाया था, उसके बाद संत विजयदास ने खनन रूकवाने की मांग को लेकर आत्मदाह कर लिया था. इसके बाद सरकार ने एक्शन में आते हुए इस इलाके में खनन रोकने के आदेश जारी किए थे.
इसके बाद से ही क्षेत्र की सभी 46 खानों में खनन कार्य बंद हो गया था.
खनन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा सभी 46 खनन पट्टाधारियों को नियमानुसार सुनवाई का अवसर देने के बाद 18 अगस्त, 22 को खनन पट्टों के निरस्तीकरण के आदेश जारी किए हैं.
उन्होंने आगे बताया कि आदिबद्री व कनकांचल पर्वत क्षेत्र के आस पास 147.36 हैक्टेयर क्षेत्र में स्वीकृत मेसनरी स्टोन के 45 खनन पट्टे एवं सिलिका सेण्ड के एक खनन पट्टा कुल 46 खनन पट्टे स्वीकृत थे. खान विभाग द्वारा स्वीकृत 46 खनन पट्टों का क्षेत्र वन भूमि में होने से नियमानुसार सभी खनन पट्टाधारी को 15 दिन का नोटिस जारी कर सुनवाई का अवसर प्रदान किया गया और उसके बाद 18 अगस्त, 22 को आदेश जारी कर सभी खनन पट्टा नियमानुसार समयपूर्व समाप्त (प्रीमैच्योर टार्मिशन) कर दिए गए हैं.
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