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राजस्थान (Rajasthan) में एक बार फिर से सुर्खियों में आई मुख्यमंत्री बदलाव की चर्चा की हवा इस बार खुद कांग्रेस आलाकमान ने निकाल दी. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट(Sachin Pilot) के बीच सरकार के गठन के बाद से चल रही राजनीतिक अदावत में ऐसा पहली बार हुआ है, जब कांग्रेस आलाकमान की तरफ इस बात का साफ तौर पर खंडन किया गया हो.
गुरुवार को राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने के पायलट के दबाव की उछाली गई खबर का शाम पांच बजे कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खुद पंचर कर दी. सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि
'उन्होंने अपने ट्वीट के साथ टीवी चैनल की खबर को भी टैग किया.दरअसल बीते रविवार को हुए राजस्व अधिकारियों के सम्मेलन में खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था कि उनका इस्तीफा 1998 में जब वे पहली बार मंत्री बने थे तब से सोनिया गांधी के पास है. गहलोत ने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री बदलने की अफवाहों से शासन पर असर पड़ता है. माना जा रहा है कि गहलोत के इस बयान पर ध्यान देते हुए पहली बार राजस्थान में मुख्यमंत्री बदले जाने की अफवाह का खंडन करने के लिए पार्टी आलाकमान के निर्देश पर सुरजेवाला सामने आए है. क्योंकि राष्ट्रीय प्रवक्ता के नाते सुरजेवाला का बयान कांग्रेस आलाकमान का अधिकृति वक्त्व्य माना जाता है.
राजस्थान में कांग्रेस सरकार के गठन को करीब साढ़े तीन साल पूरे होने आए है. इस समय में से तीन साल से लगातार पायलट खेमे की तरफ से इस तरह की खबरें सुनने को मिलती है. अभी हाल ही में पायलट समर्थक आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी मुख्यमंत्री बदलने को लेकर ट्वीट किया था. आचार्य ने यहां तक लिखा था कि इस्तीफे की धमकी देना आलाकमान को ब्लैक मेल करने जैसा है. माना जा रहा है कि आलाकमान के इस रूख के बाद इस तरह की बयानबाजी पर रोक लग सकती है. 2020 में कांग्रेस में हुई बगावत का सबसे ज्यादा खामियाजा पायलट को भुगतना पड़ा था. उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था.
28 अप्रैल को मीडिया में एक खबर चल रही थी जिसमें, सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से कहा था कि वह बिना देरी किए राजस्थान के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं ताकि राज्य में चुनावों में पार्टी की सत्ता में वापसी संभव हो सके. सचिन पायलट ने कथित तौर पर सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो कांग्रेस को राजस्थान में पंजाब की तरह हार का सामना करना पड़ सकता है, जहां आनन-फानन में चरणजीत सिंह चन्नी का मुख्यमंत्री बनना गलत साबित हुआ. सूत्रों का कहना है कि सचिन पायलट ने पिछले कुछ हफ्तों में गांधी परिवार के साथ तीन बैठकें की हैं. राजस्थान में दिसंबर 2023 में चुनाव होने हैं. सूत्रों का कहना है कि पायलट ने चेतावनी दी है कि काम में देरी हुई तो पंजाब की तरह राजस्थान में भी हो सकता है.
Input - पंकज सोनी
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