Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019‘राजस्थान पत्रिका’ नहीं छापेगा वसुंधरा सरकार की खबर, ये है वजह

‘राजस्थान पत्रिका’ नहीं छापेगा वसुंधरा सरकार की खबर, ये है वजह

पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने दी ये जानकारी

द क्विंट
भारत
Updated:
राजस्थान पत्रिका नहीं छापेगी वसुंधरा राजे सरकार की खबर
i
राजस्थान पत्रिका नहीं छापेगी वसुंधरा राजे सरकार की खबर
(फोटो: Altered by Quint hindi)

advertisement

राजस्थान पत्रिका ग्रुप ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है. पत्रिका ग्रुप ने कहा है कि जब तक वसुंधरा राजे पिछले दिनों पास किए गए दो कानूनों को वापस नहीं लेतीं, तब तक पत्रिका उनकी और उनसे संबंधित खबरों को नहीं छापेगी.

दरअसल पिछले दिनों 23 अक्टूबर से शुरू हुए विधानसभा सत्र में दो कानून पास हुए थे. उनमें से पहला है- राजस्‍थान दंड विधियां संशोधन विधेयक, 2017 (भादंसं) और दूसरा है सी.आर.पी.सी. की दंड प्रक्रिया संहिता, 2017.

पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने अपने संपादकीय में दोनों ही विधेयकों पर सवाल उठाए हैं.

प्रश्नकाल में ही पास हुआ पहला विधेयक

उन्होंने बताया कि 24 अक्टूबर को प्रदेश के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने प्रश्नकाल में अचानक वक्तव्य देना शुरू कर दिया, जबकि पहले विधेयक का परिचय देकर उस पर विचार किया जाता है.

दरअसल उस दिन पहले प्रश्नकाल, शून्यकाल और इसके बाद बाकी सदन के काम होने थे, लेकिन पहले विधेयक को उसी दिन प्रश्नकाल में ही ध्वनिमत से प्रवर समिति को सौंप दिया गया और हंगामा होता रहा, जबकि ये विधेयक 26 अक्टूबर को प्रवर समिति को सौंपा जाना था.

एक साथ आए दो अध्यादेश

दूसरा विधेयक (दंड प्रक्रिया संहिता, 2017) के साथ भी कुछ ऐसा हुआ. दरअसल नियम देखें, तो एक ही केंद्रीय कानून में राज्य संशोधन करता है तो दो अध्यादेश एक साथ नहीं आ सकते, जबकि यहां दोनों विधेयकों को एक साथ पेश किया गया. बिना किसी चर्चा और बहस के दूसरा बिल भी 25 अक्टूबर को समिति के पास पहुंच गया.

पत्रिका के प्रधान संपादक ने यह भी कहा कि अभी चुनाव दूर हैं. तब तक इससे काफी नुकसान सकता है. इसलिए पत्रिका चाह रही है कि इस दोनों ही कानूनों को वापस लिया जाए.

यह भी पढ़ें: राजस्थान विधानसभा में OBC आरक्षण बिल पास, कोटा 21% से बढ़कर 26%

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 01 Nov 2017,10:59 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT