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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने राजस्थान इलेक्शन वॉच (Rajasthan Election Watch) और तेलंगाना इलेक्शन वॉच (Telangana Election Watch) की मदद से राजस्थान में 200 में से 199 मौजूदा विधायकों और तेलांगना में 119 में से 118 विधायकों की आपराधिक बैकग्राउंड के बारे में एनालिसिस किया और उनपर दर्ज केस के बारे में जानकारी जुटाई.
ये एनालिसिस 2018 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद हुए उप-चुनावों से पहले उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए हलफनामों पर आधारित हैं.
राजस्थान में 199 विधायकों में से 46 (23 प्रतिशत) विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और उनमें से 28 (14 प्रतिशत) विधायकों ने बताया कि उनपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित हैं.
वहीं, एक मौजूदा विधायक पर हत्या (आईपीसी धारा 302) का केस दर्ज है.
चार ने हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा 307) से संबंधित मामले घोषित किए हैं.
कांग्रेस: 108 विधायकों में से 27 (25 प्रतिशत) पर केस दर्ज
बीजेपी: 69 विधायकों में से 11 (16 प्रतिशत) पर
सीपीआई (मार्क्सवादी): दो में से दो (100 प्रतिशत) पर क्रिमिनल केस दर्ज
निर्दलीय: 14 विधायकों में से 6 पर (43 प्रतिशत) केस दर्ज
इस एनालिसिस रिपोर्ट से पता चला कि तेलांगना में 118 विधायकों में से 72 (61 प्रतिशत) मौजूदा विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और उनमें से 46 (39 प्रतिशत) ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है.
इनमें से सात ने हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा 307) से संबंधित मामलों की घोषणा की है.
इसके अतिरिक्त, चार मौजूदा विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले दर्ज हैं और इन चार में से एक पर दुष्कर्म का केस दर्ज है.
बीआरएस: 101 विधायकों में से 59 (58%)
AIMIM: सात में से छह (86%) विधायक
कांग्रेस: छह में से चार (67%) विधायक
बीजेपी: दो में से दो (100%) विधायक
निर्दलीय: दो में से एक (50 प्रतिशत) पर क्रिमिनल केस दर्ज है.
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