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गुजरात के राजकोट में 25 मई शनिवार को एक गेमिंग जोन में भीषण आग लगने के कारण 28 लोगों की मौत हो गई. घटना राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में हुई है. अपनों के शवों को तलाशने के लिए मृतकों के DNA टेस्ट कराए जा रहे हैं. अब एक और खबर आई है कि इस दौरान पता चला है कि हादसे वाले दिन जडेजा परिवार के 8 सदस्य टीआरपी गेमिंग जोन में मौजूद थे, जिसमें से 5 की हादसे में मौत हो गई. इनमें से 3 सदस्य 10 से15 साल के थे.
देविकाबा जाडेजा को अपने पिता वीरेंद्र सिंह जाडेजा (42) के बारे में आखिरी याद यह है कि वह आग लगने के बाद अपने बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों को बचाने के लिए अगली मंजिल पर भाग रहे थे.
PTI से बातचीत में देविकाबा ने बताया:
इस हादसे में वीरेंद्र सिंह जाडेजा के अलावा उनके बेटे धर्मराज, बहनोई ओम गोहिल, भतीजे प्रदीप और भतीजी देवर्षि की मौत हो गई. उनके जले हुए शवों की पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए की गई.
जाडेजा परिवार की तरह भी दोसारा परिवार दुखी है, और अपनों की तलाश कर रहा है. गिर सोमनाथ जिले के निवासी विवेक दोसरा (26) अपनी पत्नी खुशाली (24) के साथ राजकोट स्थित अपने ससुराल जा रहे थे. दोनों ने दो महीने पहले शादी की थी और जल्द ही गिर सोमनाथ लौटने वाले थे.
शनिवार दोपहर विवेक, खुशाली और उसकी बहन तृषा गेमिंग जोन में घूमने गए. उनके परिवारों ने तब से उनके बारे में कुछ नहीं सुना है. उनके परिवार उनसे संपर्क नहीं कर पाए हैं और विवेक के माता-पिता अब राजकोट के लिए रवाना हो गए हैं.
अधिकारियों ने कहा है कि अब तक आग से पीड़ित 11 लोगों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं
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