Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019राजकोट हादसा: घर के 8 सदस्य गेमिंग जोन घूमने गए, लौटे सिर्फ 3...परिवार का झलका दर्द

राजकोट हादसा: घर के 8 सदस्य गेमिंग जोन घूमने गए, लौटे सिर्फ 3...परिवार का झलका दर्द

Rajkot Gaming Zone Fire: अपनों के शवों को तलाशने के लिए मृतकों के DNA टेस्ट कराए जा रहे हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>राजकोट गेमिंग जोन हादसा: तस्वीरों में देखें आग से मची तबाही का मंजर</p></div>
i

राजकोट गेमिंग जोन हादसा: तस्वीरों में देखें आग से मची तबाही का मंजर

(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

गुजरात के राजकोट में 25 मई शनिवार को एक गेमिंग जोन में भीषण आग लगने के कारण 28 लोगों की मौत हो गई. घटना राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में हुई है. अपनों के शवों को तलाशने के लिए मृतकों के DNA टेस्ट कराए जा रहे हैं. अब एक और खबर आई है कि इस दौरान पता चला है कि हादसे वाले दिन जडेजा परिवार के 8 सदस्य टीआरपी गेमिंग जोन में मौजूद थे, जिसमें से 5 की हादसे में मौत हो गई. इनमें से 3 सदस्य 10 से15 साल के थे.

पीड़ित परिवारों ने सुनाई आपबीती

देविकाबा जाडेजा को अपने पिता वीरेंद्र सिंह जाडेजा (42) के बारे में आखिरी याद यह है कि वह आग लगने के बाद अपने बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों को बचाने के लिए अगली मंजिल पर भाग रहे थे.

PTI से बातचीत में देविकाबा ने बताया:

मेरे माता-पिता, भाई और मामा का परिवार गेमिंग जोन गया था. हम एक रेस्टोरेंट में थे, जबकि मेरे दो भाई और बहन ट्रैम्पोलिन गेम खेलने के लिए ऊपरी मंजिल पर गए थे. जब आग लगी तो हम रेस्टोरेंट में बैठे थे. मेरे पिता और चाचा दौड़कर वहां गए जहां मेरे भाई और बहन ट्रैम्पोलिन पर खेल रहे थे. एक विस्फोट हुआ और कोई नहीं बचा. आग बुझाने के लिए वहां कोई भी उपकरण नहीं था. हमने कोई अलार्म भी नहीं सुना था. वहां फायर एग्जिट नहीं था, जिसके कारण कोई बाहर नहीं निकल सका.
देविकाबा जाडेजा, पीड़ित

इस हादसे में वीरेंद्र सिंह जाडेजा के अलावा उनके बेटे धर्मराज, बहनोई ओम गोहिल, भतीजे प्रदीप और भतीजी देवर्षि की मौत हो गई. उनके जले हुए शवों की पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए की गई.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

जाडेजा परिवार की तरह भी दोसारा परिवार दुखी है, और अपनों की तलाश कर रहा है. गिर सोमनाथ जिले के निवासी विवेक दोसरा (26) अपनी पत्नी खुशाली (24) के साथ राजकोट स्थित अपने ससुराल जा रहे थे. दोनों ने दो महीने पहले शादी की थी और जल्द ही गिर सोमनाथ लौटने वाले थे.

शनिवार दोपहर विवेक, खुशाली और उसकी बहन तृषा गेमिंग जोन में घूमने गए. उनके परिवारों ने तब से उनके बारे में कुछ नहीं सुना है. उनके परिवार उनसे संपर्क नहीं कर पाए हैं और विवेक के माता-पिता अब राजकोट के लिए रवाना हो गए हैं.

राजकोट के कलेक्टर प्रभाव जोशी ने कहा है कि सभी पीड़ितों के डीएनए सैंपल एयर एम्बुलेंस से गांधीनगर की फोरेंसिक लैब में भेज दिए गए हैं. हम आश्वत करते हैं कि शवों की अदला-बदली नहीं हुई है. हमने सभी शवों के सैंपल भेजने का फैसला किया है.

अधिकारियों ने कहा है कि अब तक आग से पीड़ित 11 लोगों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT