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"2.5 साल से सो रहे थे?", राजकोट अग्निकांड पर गुजरात सरकार को फटकार, हाईकोर्ट ने क्या कहा?

Rajkot gaming zone fire: गुजरात के राजकोट में 25 मई को टीआरपी वीडियो गेमिंग जोन में आग लगने की वजह से 28 लोगों की मौत हो गई थी.

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Rajkot gaming zone fire: गुजरात के राजकोट में शनिवार, 25 मई को टीआरपी वीडियो गेमिंग जोन में आग लगने की वजह से 28 लोगों की मौत हो गई. इसके 2 दिन बाद राज्य सरकार ने कई अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है. वहीं गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और शहर के नगर निकाय को फटकार लगाई है.

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7 अधिकारियों पर गिरी गाज

सोमवार, 27 मई को गुजरात सरकार ने दो पुलिस अधिकारियों और दो कार्यकारी इंजीनियर और एक सहायक इंजीनियर और एक दमकल अफसर को बर्खास्त कर दिया है. इसके अलावा एक टाउन प्लानर अधिकारी को भी सस्पेंड किया गया है.

पुलिस के जांच के मुताबिक, जिस गेमिंग सेंटर में आग लगी उसके पास एनओसी नहीं था.

राज्य सरकार की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि अधिकारियों ने गेमिंग जोन को बिना उचित अप्रूवल के खोलने की अनुमति दी और इस तरह पूरी तरह से लापरवाही दिखाई और अपने ड्यूटी को सही तरीके से नहीं निभाया.

राज्य सरकार की ओर से कहा गया, "सस्पेंड किए गए अधिकारियों में एक राजकोट तालुका पुलिस स्टेशन के इंचार्ज वीपी पटेल ने गेमिंग जोन की कंपनी रेसअवे इंटरप्राइजेज के लाइसेंस को लेकर पिछले साल सकारात्मक ओपिनियन दिया था. पटेल ने राजकोट सिटी पुलिस कमिश्नर को भेजे लेटर में लिखा था कि गेमिंग जोन सभी तरह से फिट है."

वहीं कुछ आला अधिकारों का ट्रांसफर हुआ है. इसमें राजकोट पुलिस आयुक्त राजू भार्गव, संयुक्त पुलिस आयुक्त विधि चौधरी, डीसीपी जोन 02 सुधीर देसाई और राजकोट नगर आयुक्त आनंद पटेल का नाम शामिल हैं.
Rajkot gaming zone fire: गुजरात के राजकोट में 25 मई को टीआरपी वीडियो गेमिंग जोन में आग लगने की वजह से 28 लोगों की मौत हो गई थी.

(बाएं से दाएं) राजकोट पुलिस आयुक्त राजू भार्गव, संयुक्त पुलिस आयुक्त विधि चौधरी, डीसीपी जोन 02 सुधीर देसाई और राजकोट नगर आयुक्त आनंद पटेल की तस्वीर, जिनका तबादला कर दिया गया है

(फोटो- पीटीआई)

गुजरात सरकार को कोर्ट की फटकार

गेमिंग जोन में आग लगने के दो दिन बाद राज्य सरकार और शहर के नगर निकाय को गुजरात हाइकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है.

अदालत को जब ये बताया गया कि दो गेमिंग जोन 24 महीने से अधिक वक्त से फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट सहित आवश्यक परमिट के बिना काम कर रहे थे तब उसने इसके लिए राज्य सरकार को भी कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि वह अब "राज्य सरकार पर भरोसा नहीं कर सकती हैं."

गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए वकील मनीषा लव कुमार शाह ने अदालत को बताया कि दो ऐसे गेमिंग जोन सेंटर्स हैं जो बगैर एनओसी के चल रहे हैं, अगले 72 घंटों में ऐसे सभी मामलों को जांच के आदेश दिए गए हैं.

कोर्ट ने राज्य सरकार ने सवाल पूछते हुए कहा, "यह ढाई साल से चल रहा है. क्या हम यह मान लें कि आपने आंखें मूंद ली हैं?"

कोर्ट ने राज्य सरकार ने कहा, क्या आप अंधे हो गए थे या सोए हुए थे. हमें अब स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार पर भरोसा नहीं रहा."

कोर्ट ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि बीते कुछ वक्त में गुजरात में छह ऐसी घटनाएं हुई हैं जिसकी वजह से लोगों की जान गई.

पहले भी हो चुके ऐसे हादसे

साल 2023 में गुजरात के सूरत में एक केमिकल फैक्ट्री में आग लगने से 7 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में कई लोग घायल हुए थे.

पिछले साल सूरत के ही एक अस्पताल में आग लगने से एक नवजात की मौत हो गई थी. इसके अलावा पिछले साल जुलाई में अहमदाबाद के एक अस्पताल में आग लगने से कई लोगों को अस्पतालों से रेस्क्यू करना पड़ा था. आग की घटनाओं से इतर मोरबी पुल हादसा, वडोडरा हरणी नाव हादसा जैसी घटनाएं हुई हैं.

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