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देश में राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) का बिगुल बज चुका है. 15 राज्यों की 57 सीटों पर 10 जून को चुनाव होने हैं. लेकिन, हॉर्स ट्रेडिंग और क्रॉस वोटिंग के डर से पार्टियों ने अपने-अपने विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है. कांग्रेस ने हरियाणा, राजस्थान और कर्नाटक के विधायकों को सुरक्षित स्थान पर भेजना शुरू कर दिया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि राजस्थान, हरियाणा और कर्नाटक में पार्टियों की क्या स्थिति है? इससे पहले ये जान लेते हैं कि किस राज्य में कितनी सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने हैं?
बता दें, उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की सबसे अधिक 11 सीटों पर चुनाव होने हैं. महाराष्ट्र और तमिलनाडु की 6-6 सीटों पर चुनाव होगा. इनके अलावा बिहार की 5, कर्नाटक-आंध्र प्रदेश और राजस्थान की 4-4 सीटों पर चुनाव होने हैं. वहीं, ओडिशा और मध्य प्रदेश की 3-3, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, पंजाब और हरियाणा की 2-2, जबकि उत्तराखंड की एक सीट पर राज्यसभा चुनाव होने हैं.
90 विधानसभा सदस्यों की संख्या वाले हरियाणा में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए चुनाव होने हैं. इस हिसाब से एक सीट के लिए 31 वोटों की जरूरत होगी. कांग्रेस ने यहां से अजय माकन को टिकट दिया है. बीजेपी ने कृष्णलाल पंवार को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर हरियाणा की राजनीति को दिलचस्प बना दिया है. हरियाणा में राज्यसभा सीट जीतने के लिए कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं, लेकिन कार्तिकेय शर्मा की दावेदारी ने पेंच फंसा दिया है.
कार्तिकेय शर्मा के पास बीजेपी, JJP, निर्दलीय और गोपाल कांडा का समर्थन है. हालांकि, यह सभी मिलकर 31 तक नहीं पहुंचते हैं और गिनती में 28 ही बनते हैं, लेकिन कांग्रेस में जिस तरीके से पार्टी के अंदर ही कई नेताओं में नाराजगी चल रही है, उसे देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि कार्तिकेय उलटफेर कर सकते हैं. क्योंकि, कार्तिकेय के ससुर कुलदीप शर्मा हरियाणा कांग्रेस पार्टी से विधायक हैं.
हरियाणा कांग्रेस ने हॉर्स ट्रेडिंग की डर से अपने विधायकों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट कर दिया है. गुरुवार को कांग्रेस के विधायक दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से उन्हें एक प्राइवेट चार्टर्ड विमान से छत्तीसगढ़ भेज दिया गया. इन विधायकों का नेतृत्व कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा कर रहे थे. हालांकि, अभी भी कांग्रेस के तीन विधायक कुलदीप बिश्नोई, किरण चौधरी और चिरंजीव राव नहीं पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि किरण चौधरी और चिरंजीव राव ने 4 जून को पहुंचने का वादा किया है.
200 विधानसभा सदस्यों वाले राजस्थान में 4 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. इस हिसाब से एक सीट के लिए 41 वोटों की जरूरत होगी. कांग्रेस ने मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सुरजेवाला को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं, बीजेपी ने घनश्याम तिवाड़ी को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं, सुभाष चंद्रा ने बीजेपी के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर राजस्थान की राजनीति को दिलचस्प कर दिया है.
सुभाष चंद्रा को बीजेपी का समर्थन मिलने पर कांग्रेस को सेंधमारी का डर है. कांग्रेस को अपने विधायकों को एकजुट करने की चुनौती है. माना जा रहा है कि कांग्रेस अब विधायकों की बाड़ेबंदी करेगी. कांग्रेस के पास 2 सीटों पर जीत के लिए बहुमत है, लेकिन तीसरी सीट पर जीत के लिए उसे निर्दलीय विधायकों का सहारा लेना पड़ेगा.
कांग्रेस को सभी 13 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन का ऐलान किया है. माकपा के 2 विधायकों का भी कांग्रेस का समर्थन मिल सकता है. ऐसे संकेत पार्टी के नेता प्रकाश करात ने हाल में दिए थे. RLD के एक विधायक का समर्थन भी कांग्रेस को मिलेगा. संख्याबल के हिसाब से कांग्रेस के 3 सीट जीतने के आसार हैं, लेकिन जिस तरह पार्टी ने बाहरी उम्मीदवारों पर दांव खेला है. उससे क्राॅस वोटिंग की संभावना बढ़ गई है. निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और कांग्रेस विधायक भरतसिंह ने खुलकर नाराजगी भी जता दी है.
200 विधानसभा सदस्यों वाले कर्नाटक में 4 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. इस हिसाब से एक सीट के लिए 46 वोटों की जरूरत होगी. बीजेपी ने यहां से निर्मला सीतारमण और जग्गेश को अपना प्रत्याशी बनाया है. लेकिन, ये चुनाव दिलचस्प तब हो गया जब बीजेपी ने तीसरे उम्मीदवार के तौर पर निवर्तमान एमएलसी लहर सिंह सिरोया को मैदान में उतार दिया. इसके जवाब में कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश के अलावा कर्नाटक कांग्रेस के महासचिव मंसूर अली खान को उम्मीदवार के तौर पर खड़ा कर दिया.
बता दें, मौजूदा सदन में स्पीकर समेत बीजेपी के 120, कांग्रेस के 69, जेडीएस के 32 विधायक हैं. अन्य छोटे दलों के 4 विधायक हैं. संख्याबल के मुताबिक बीजेपी के 2 और कांग्रेस के एक उम्मीदवार को आसानी से जीत मिल सकती है. चौथी सीट के लिए तीन पार्टियों में मुकाबला होगा. अपने तीसरे उम्मीदवार के लिए बीजेपी के पास 28 अतिरिक्त वोट हैं. वहीं, दूसरे उम्मीदवार के लिए कांग्रेस के पास 23 अतिरिक्त वोट होंगे. जबकि, जेडीएस उम्मीदवार को 32 वोट ही मिल सकते हैं.
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