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अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के लिए 44-दिवसीय धन जुटाने का अभियान शनिवार को समाप्त हो गया. इस पहल से जुड़े ट्रस्ट ने कहा कि उन्होंने 2,100 करोड़ रुपये से अधिक का संग्रह कर लिया है.
15 जनवरी को क्राउडफंडिंग अभियान की शुरुआत से पहले, ट्रस्ट ने राम मंदिर परिसर के निर्माण के लिए 1,100 करोड़ रुपये एकत्रित करने का अनुमान लगाया था, लेकिन ट्रस्ट को अनुमान से 1,000 करोड़ रुपये ( लक्ष्य से करीब 90.9 फीसदी ज्यादा) से अधिक की राशि मिली.
गिरि ने पिछले साल दिसंबर में राम जन्मभूमि पर पूरे परिसर के निर्माण के लिए 1,100 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था, जबकि मंदिर के निर्माण की लागत 300-400 करोड़ रुपये आंकी थी.
अयोध्या के साधुओं ने अब मंदिर ट्रस्ट को अयोध्या के विकास के लिए अधिशेष धन का उपयोग करने की सलाह दी है और करोड़ों राम भक्तों द्वारा दान किए गए धन के दुरुपयोग के खिलाफ चेतावनी दी है.
तपस्वी छावनी के स्वामी परमहंस आचार्य ने कहा, "ट्रस्ट को माता सीता के नाम पर अयोध्या में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने और मंदिर शहर में दूध की मुफ्त आपूर्ति के लिए एक गौशाला स्थापित करने के लिए अतिरिक्त धन का उपयोग करना चाहिए."
निमोर्ही अखाड़े के महंत धनेन्द्र दास ने कहा, "भगवान राम के नाम पर करोड़ों भारतीयों ने धन का दान किया है और अतिरिक्त धन का उपयोग अयोध्या और उसके मंदिरों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए."
हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी, महंत राजू दास ने कहा कि धन का इस्तेमाल अयोध्या में पुराने मंदिरों को पुनर्जीवित करने के लिए किया जा सकता है.
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