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'जय श्री राम' नारे वाले भगवा झंडे; भगवान राम का एक बड़ा कटआउट; दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच भंडारे के बाहर एक लंबी कतार; और हर घर के बाहर 'आओ दिवाली मनाएं' वाले पोस्टर.
न तो दिवाली है और न ही नवरात्रि, फिर भी पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार का ब्लॉक-ए उत्सव की तैयारियों में गुलजार है.
"भगवान राम आखिरकार हमारे घर आ रहे हैं. इसका हमने बहुत इंतजार किया है. तो हम दिवाली से ज्यादा जश्न मनाएंगे," विवेक विहार रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के महासचिव आनंद गोयल ने द क्विंट से कहा.
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा होने वाला है. वहां से करीब 700 किलोमीटर दूर दिल्ली-NCR में RWA और हाउसिंग सोसाइटी भी जश्न की तैयारियों में जुटी है.
क्विंट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कम से कम पांच क्षेत्रों का दौरा किया - कुछ ने "भव्य समारोह" की योजना बनाई, और कुछ ने इसे लो प्रोफाइल रखने का विकल्प चुना है.
सप्ताह भर चलने वाले भजन, पूजा, रामायण पाठ और शोभा यात्रा के आयोजन से लेकर अयोध्या में चल रहे अनुष्ठानों को सोसाइटी के मंदिर में करने की योजना तक, दिल्ली के कुछ हिस्सों में RWA इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है.
गोयल ने द क्विंट को बताया, "22 जनवरी को विवेक विहार के हनुमान बालाजी मंदिर में अनुष्ठान किया जाएगा. इसके लिए हमने दिल्ली, अयोध्या और वाराणसी से कम से कम 25 पुजारियों को बुलाया है."
RWA कार्यालय के ठीक बाहर एक बड़ा पार्क है जहां 76 वर्षीय भागराथी देवी अपने पांच दोस्तों के साथ यह योजना बनाने आई थीं कि वो 22 जनवरी को अपने घरों को कैसे सजाएंगी.
इस बीच, पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर में न्यू गोबिंदपुरा की गली नंबर 10 भगवा झंडों से पटी है. हालांकि, 200 से अधिक घरों वाले इस इलाके में कोई कार्यशील RWA नहीं है, पर यहां के 8 लोग एक ग्रुप बनाकर 22 तारीख को होने वाले आयोजन की प्लानिंग में जुटे हैं.
नोएडा के ATS वन हैमलेट सोसाइटी के व्हाट्सएप ग्रुप पर 2 जनवरी को पोस्ट किए एक मैसेज में कहा गया, "हम सभी जानते हैं कि 22 जनवरी एक ऐतिहासिक दिन है. सोसाइटी के एम्फीथिएटर में राम मंदिर की रेप्लिका स्थापित की जाएगी, एक दीया जलाकर इस अवसर को सभी के लिए विशेष बनाने की योजना बना रहे हैं."
स्थानीय निवासी और कार्यक्रम की आयोजक गौरांगी गुप्ता ने द क्विंट को बताया कि मैसेज भेजे हुए दो सप्ताह हो गए हैं, पर राम मंदिर समारोह के बारे में अपडेट आना बंद नहीं हुआ है.
गुप्ता ने आगे बताया, "क्लब हाउस में मंदिर की एक मुख्य रेप्लिका भी स्थापित की जाएगी. हमने 22 तारीख को कुछ भजन, कीर्तन और रंगोली का भी आयोजन किया है. हम अपने घरों और मंदिर में दीये जलाएंगे. हमने निवासियों से पारंपरिक कपड़े पहनने के लिए कहा है."
हालांकि, दिल्ली में सभी RWA 22 जनवरी को विशेष आयोजन की योजना बनाने में शामिल नहीं हैं. क्विंट ने दक्षिण दिल्ली के अलकनंदा इलाके में विभिन्न हाउसिंग सोसायटियों का दौरा किया. इधर, RWA ने कहा कि उन्होंने किसी आयोजन की योजना नहीं बनाई है.
वसंत कुंज के मॉल रोड रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की महासचिव भावना गुप्ता को भी ऐसा ही लगाता है.
जब पूछा गया कि RWA इस आयोजन में इतनी बड़ी भूमिका क्यों निभा रही है, तो विवेक गोयल ने द क्विंट को बताया,
हालांकि, क्विंट ने जिन कुछ लोगों से बात की, उनका मानना था कि कार्यक्रम को "अनावश्यक रूप से उम्मीद से अधिक बड़ा" बनाया जा रहा है.
नाम न छापने की शर्त पर बोलते हुए, नोएडा के एक निवासी ने कहा:
पीतमपुरा निवासी मनदीप गुप्ता ने कहा, "मैं बहुत सहज महसूस नहीं करता. मुझे दिखावे से समस्या है... मुझे नहीं पता कि मैं 22 को क्या करूंगा, लेकिन मैं शहर से बाहर जाने की योजना बना रहा हूं."
नोएडा के एक निवासी ने कहा, "RWA का हमेशा एक निश्चित राजनीतिक झुकाव रहा है, लेकिन पिछले एक दशक में यह स्पष्ट हो गया है. सोसाइटी के दैनिक काम-काज में राजनीति का प्रवेश अनावश्यक है."
इस बीच, गुप्ता का मानना था कि यह एक "चुनावी हथकंडा" है. उन्होंने कहा, "यह एक चुनावी हथकंडा है और कुछ नहीं. सरकार के पास इस चुनाव को जीतने के लिए कोई अन्य एजेंडा नहीं है, इसलिए वो राम मंदिर कार्यक्रम का उपयोग कर रहे हैं."
हालांकि, आनंद गोयल ने द क्विंट से कहा,
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