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देशभर में रामनवमी (Rama Navami) का त्योहार 17 अप्रैल को मनाया जाने वाला है. इस खास अवसर पर लोग अपने परिवार के साथ देशभर के प्रमुख राम मंदिरों में पूजा-अर्चना करेंगे. कोई अयोध्या के प्रसिद्ध राम मंदिर तो कोई तमिलनाडु में श्री योग रामर मंदिर तो वहीं कोई अन्य प्राचीन मंदिरों में जाकर भगवान राम के दर्शन करेंगे.
तो आइए, रामनवमी के मौके पर आपको कुछ ऐतिहासिक राम मंदिरों के बारे में बताते हैं.
रामनवमी पर अयोध्या में स्थित राम मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जाएंगे. अगर आप भी राम मंदिर जाने की सोच रहे हैं तो अयोध्या के राम मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं. इस भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा इसी साल जनवरी में हुई है. इस मंदिर में भगवान श्री राम बाल स्वरूप में विराजमान हैं.
दक्षिण भारत में भगवान राम का एक ऐतिहासिक मंदिर "रामास्वामी मंदिर" है. अधिकतर राम मंदिरों में श्री राम के साथ माता सीता और लक्ष्मण जी की प्रतिमा मौजूद होती है लेकिन तमिलनाडु का रामास्वामी एक ऐसा खास मंदिर हैं, जहां राम सीता, लक्ष्मण ही भरत और शत्रुघ्न के साथ विराजमान हैं.
मध्य प्रदेश के ओरछा नगर में स्थित रामराजा मंदिर कई मायनों में खास है. यह एकमात्र ऐसा राम मंदिर है, जहां भगवान राम की भगवान और राजा दोनों के रूप में पूजा की जाती है. इस मंदिर में रामनवमी के मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा होती है. यह मंदिर सुबह 8:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और शाम 8:00 बजे से रात 10:30 बजे तक खुला रहता है.
कहीं भी और किसी भी मंदिर में भगवान राम के प्रतिमा को बिना धनुष और बाण के नहीं विराजमान नहीं किया गया है. लेकिन तमिलनाडु में स्थित श्री योग रामर मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान राम बिना धनुष और बाण के विराजमान हैं. और सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर में श्री राम बैठी हुई अवस्था में विराजमान है.
भारत के सबसे उत्तर दिशा जम्मू कश्मीर में भगवान श्रीराम का प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर स्थित है. यहां भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ विराजमान है. वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालु अक्सर इस भव्य मंदिर के दर्शन कर के ही जाते हैं. इसे महाराजा गुलाब सिंह और उनके पुत्र महाराज रणबीर सिंह ने 1853-1860 के दौरान मंदिर का निर्माण कराया था. मंदिर में कई देवता प्रतिष्ठित हैं, लेकिन मुख्य देवता भगवान राम हैं, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं.
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