advertisement
रामनवमी (Ram Navami) हिंदुओं का अत्यंत शुभ त्योहार होता है. इसी दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री राम का जन्म हुआ था. यह त्योहार 'मर्यादा पुरूषोत्तम' भगवान श्री राम के सदाचार, धार्मिकता और आदर्श इंसान के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है.
रामनवमी का त्योहार मुख्य रूप से भारत, नेपाल और बांग्लादेश में और उत्तरी अमेरिका और यूरोप में हिंदुओं द्वारा बड़े धुमधाम से मनाया जाता है.
आईए यहां जानते हैं कि रामनवी कब है, इसका इतिहास और महत्व क्या है.
राम नवमी विशेष रूप से शुक्ल पक्ष के दौरान हिंदू चंद्र-सौर चैत्र माह के नौवें दिन मनाई जाती है. इस आधार पर इस वर्ष यह त्योहार 17 अप्रैल 2024, बुधवार को मनाया जाएगा.
राम नवमी का ऐतिहासिक महत्व प्राचीन काल से है. जब राजा दशरथ ने संतान पैदा करने में असमर्थ होने पर ऋषि वशिष्ठ की सलाह पर पुत्र कामेष्टि यज्ञ किया था. जिसके परिणामस्वरूप, रानी कौशल्या ने भगवान राम को, सुमित्रा ने भगवान शत्रुघ्न और लक्ष्मण को और कैकेयी ने भगवान भरत को जन्म दिया. भगवान राम, भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में माने जाते हैं. इन्हें 'मर्यादा पुरूषोत्तम' के नाम से जाना जाता है.
राम नवमी का आध्यात्मिक महत्व भगवान राम के जन्म के स्मृति में निहित है. ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान राम को धार्मिकता का प्रतीक और सत्य, अच्छे आचरण और गुणों का प्रतीक माना जाता है.
भारत में रामनवमी बहुत ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है. लोग अपने घरों की साफ सफाई कर उसे सजाते हैं. साथ ही अपने दरवाजे पर रंगोली बनाते हैं, और भगवान राम की छोटी मूर्ति रखने के लिए वेदी (धार्मिक कार्य के लिये तैयार भूमि) को सजाते हैं.
रामनवमी के दिन भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में, रथ यात्रा या रथ परेड निकाली जाती है, जिसमें विदेशों से भी कई लोग शामिल होते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)