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यह हम नहीं, बल्कि योग गुरू बाबा रामदेव कह रहे हैं. उन्होंने सभी राष्ट्रवादी भारतीयों से चीनी सामान का बहिष्कार करने के लिए कहा है. यदि उनके बयान को देखें तो चीनी सामान खरीदने का मतलब दुश्मन की मदद करना है. अबतक सोशल मीडिया पर ही चीनी माल के विरोध की बात की जा रही थी मगर रामदेव बाबा ने इसे मुद्दे को अब अपने नाम कर लिया है.
इस हिसाब से बड़ी संख्या में भारतीय दुश्मन की मदद करने वाले हैं. इकॉनमिक टाइम्स में छपी खबर की मानें तो स्मार्टफोन मार्केट पर 32 पर्सेंट कब्जा चीनी कंपनियों का है, जो पिछले क्वॉर्टर में 27 प्रतिशत था. वहीं चीन का सरकारी अखबार भी इस बात का दावा कर चुका है कि भारत में चीनी सामान के बायकॉट की मुहिम के बावजूद देश भर में 5 लाख से ज्यादा चीनी कंपनियों के स्मार्ट फोन बिक चुके हैं.
इंडिया में स्मार्टफोन मार्केट में भले ही सैमसंग और इंडियन कंपनी माइक्रोमैक्स टॉप लीडर साबित हुए हों, लेकिन इन दोनों के लिए बुरी खबर यह है कि दोनों ही कंपनियों के फोन की बिक्री इस क्वॉर्टर में 4 पर्सेंट गिरी हैं. वहीं शियाओमी, वीवो और ओप्पो जैसी चीनी कंपनियां टॉप-10 में अपनी जगह बनाने में कामयाब रही हैं. शियोमी का तो ये दावा है कि पिछले 18 दिन में उन्होंने भारत में 10 लाख मोबाइल फोन बेचे हैं.
चीन की शियाओमी ने स्मार्टफोन बिक्री में सबसे बेहतर पायदान हासिल करते हुए नंबर 6 की पोजिशन हासिल की है. वहीं चीन की कंपनियां वीवो और ओप्पो 7वें और 8वें नंबर पर हैं. पिछले दिनों इन कंपनियों भारत में अपनी मार्केटिंग काफी तेज कर दी. और देश के बड़े स्टार इसका प्रमोशन भी करते नजर आते हैं.
बाबा रामदेव ने वर्ल्ड बैंक के आंकड़े देते हुए बताया कि 2015 में चीन का भारत में व्यापार, भारत के के चीन में व्यापार के मुकाबले करीब 6 गुना ज्यादा है. चीन ने जहां भारत में 61.6 बिलियन यूएस डॉलर का व्यापार भारत में किया, वहीं इसके मुकाबले भारत ने चीन में सिर्फ 9.6 बिलियन यूएस डॉलर का व्यापार किया.
बाबा रामदेव आगे कहते हैं कि चीन के साथ ट्रेड डेफिसिट बढ़ रही है, लेकिन दुख पहुंचाने वाली बात यह है कि चीन इस पैसे का इस्तेमाल पाकिस्तान की मदद करने के लिए कर रहा है.
चीन के सामान का बहिष्कार काफी समय से कुछ लोग कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद बिक्री पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है. मसलन जब तक भारत चीन की तरह सस्ता और उस कीमत में अच्छा माल मुहैया नहीं कराता तब तक लाख बायकॉट के बावजूद चीनी सामान बिकता रहेगा.
वहीं ऐसे बायकॉट से चीन को 'संदेश' देने से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा. बाबा रामदेव या इस तरह के नेताओं को चाहिए कि चीन को डिप्लोमेटिक ढंग से आतंकवाद और आतंकवाद प्रायोजित देशों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तैयार करे.
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