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Rameshwaram Cafe blast case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 12 अप्रैल को बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो संदिग्ध आरोपी मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन ताहा को गिरफ्तार किया है. दोनों को पश्चिम बंगाल के कोलकाता के पास से पकड़ा गया है. NIA ने दावा किया है कि मुसाविर हुसैन शाजिब रामेश्वरम कैफे विस्फोट का मास्टरमाइंड है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया “रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में फरार अदबुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब को कोलकाता के पास उनके ठिकाने से पकड़ा गया है. 12 अप्रैल की सुबह, एनआईए कोलकाता के पास फरार आरोपियों का पता लगाने में सफल रही, जहां वे झूठी पहचान के तहत छिपे हुए थे ”
पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि आरोपियों को एनआईए के साथ एक संयुक्त अभियान में पूर्ब मेदिनीपुर जिले से गिरफ्तार किया गया है. पूर्व मेदिनीपुर जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "वे अलग-अलग नामों से 3-4 दिनों से दीघा के एक होटल में ठहरे हुए थे."
NIA ने मुसाविर हुसैन शाजिब रामेश्वरम कैफे विस्फोट का मास्टरमाइंड बताया है. उसे कैफे में आईईडी रखने वाला मुख्य आरोपी बनाया है. वहीं, अब्दुल मथीन ताहा इस मामले में सह-साजिशकर्ता है. ताहा और शाजिब दोनों शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली के रहनेवाले हैं. ताहा एक आईटी इंजीनियर है, जबकि शाजिब पर शिवमोग्गा इस्लामिक स्टेट (आईएस) मॉड्यूल से जुड़े होने का संदेह जताया जा रहा है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एजेंसी द्वारा दायर एक आरोप पत्र में कहा गया है कि वे कर्नाटक में सबसे वांछित आतंकवादी समूहों में से एक, कुख्यात "तीर्थहल्ली मॉड्यूल" के प्रमुख व्यक्तियों के रूप में जाने जाते हैं.
शाजिब और ताहा दोनों पहले एक अन्य चरमपंथी समूह, अल हिंद आतंकी मॉड्यूल का भी हिस्सा थे, जो आईएस से भी प्रेरित था और जनवरी 2020 से जांच एजेंसियों के रडार पर है.
उनके नाम विभिन्न मामलों की जांच के दौरान सामने आया. 2020 में एक स्पेशल सब इंस्पेक्टर ए विल्सन की तमिलनाडु-केरल सीमा के करीब एक चेक पोस्ट पर ड्यूटी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, इस हत्या में भी दोनों का नाम सामने आया था. दोनों आरोपी 2019 से फरार थे.
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