Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सिर्फ भूखे रहने का नहीं, दिल को पाक-साफ  बनाने का महीना है रमजान

सिर्फ भूखे रहने का नहीं, दिल को पाक-साफ  बनाने का महीना है रमजान

इस बार भी रमजान का पहला रोजा 15 घंटे से ज्यादा का होगा.

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
इंसान के दिल को पाक-साफ बनाने का महीना है रमजान
i
इंसान के दिल को पाक-साफ बनाने का महीना है रमजान
(फोटो: द क्विंट)

advertisement

रूह को पाक करके अल्लाह के करीब जाने का मौका देने वाला रमजान का महीना हर इंसान को अपनी जिंदगी सही राह पर लाने का पैगाम देता है. भूख-प्यास की तड़प के बीच जुबान से रूह तक पहुंचने वाली खुदा की इबादत हर मुसलमान को खुदा के करीब ला देती है.

बुराई से बचाने की कोशिश

खुद को हर बुराई से बचाकर अल्लाह के नजदीक ले जाने की यह सख्त कवायद हर मुसलमान के लिये खुद को पाक-साफ करने का सुनहरा मौका होती है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी ने रमजान की खूबियों पर रोशनी डालते हुए बताया कि रमजान का मकसद खुद को गलत काम करने से रोकने की ताकत पैदा करता है. शरीयत की जुबान में इस ताकत को ‘तकवा' कहा जाता है.

उन्होंने कहा कि,

रोजे में इंसान खुद को रोक लेता है. उसके सामने पानी होता है, लेकिन सख्त प्यास लगी होने के बावजूद रोजेदार उसे नहीं पीता. गलत बात होने के बावजूद खुद को गुस्सा होने से रोकता है. झूठ बोलने और बदनिगाही से परहेज करता है. जिंदगी में सारे गुनाह इसीलिये होते हैं, क्योंकि इंसान खुद को गलत काम करने से रोक नहीं पाता. सिर्फ जानकारी की कमी की वजह से अपराध नहीं होते, बल्कि जानकारी होने के बावजूद खुद पर काबू नहीं रख पाने की वजह से उससे गुनाह हो जाते हैं.
मौलाना सज्जाद नोमानी, प्रवक्ता, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

मौलाना नोमानी ने कहा कि रमजान में 30 दिन तक इस बात की कशिश की जाती है कि जो काम तुम्हारे लिये जायज है मतलब इस्लाम में जिस चीज की तुमको आम दिनों में करने की इजाजत है, उसके लिये भी तुम खुद को रोक लो.

इस रमजान अपनी सेहत पर भी ध्यान दें(फोटो: iStock)

जैसा कि आम दिनों में आप दिन में खाना खा सकते हैं, लेकिन रमजान में आपको खुद को उससे रोकना है. तब इंसान यह महसूस करने लगता है कि जब मैं हलाल कमाई से हासिल किया गया खाना और पानी इस्तेमाल करने से खुद को रोक सकता हूं तो गलत काम करने से क्यों नहीं रोक सकता हूं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इंसान अक्सर यह सोचता है कि वह चाहकर भी खुद को गुनाह करने से रोक नहीं पाता, मगर यह उसकी गलतफहमी है. रमजान उसे इसका एहसास कराता है.

इंसान के दिल को पाक-साफ बनाने का महीना है रमजान

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और दारुल उलूम फरंग महल के प्रबन्धक मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि जिस तरह बारिश के मौसम में आसमान से गिरने वाली बूंदें एकजुट होकर तमाम गंदगी और कूड़े-करकट को किनारे लगा देती हैं, वैसे ही रमजान के महीने में अल्लाह की रहमत रूपी बारिश इंसान को पाक-साफ कर देती है.

रमजान भूखों के दर्द को महसूस करने का महीना

मौलाना महली ने कहा कि रमजान की फायदे की लिस्ट बहुत लंबी है,

मगर उसका बुनियादी सबक यह है कि हम सभी उस दर्द को समझें जिससे दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रोजाना दो-चार होता है. जब हमें खुद भूख लगती है तभी हमें गरीबों की भूख का एहसास हो सकता है.
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, अध्यक्ष, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया

उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में ही कुरान शरीफ दुनिया में उतरा था, इसलिए भी ये महीना बहुत खास है.

ये भी पढ़ें-गर्मी के सीजन में रमजान के दौरान कैसे रखें अपना खयाल

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 16 May 2018,03:00 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT