याद है वो दिन, जब आप छोटे थे और रोजा रखते थे. अम्मी सुबह उठकर आपके लिए सेहरी बनाती थीं और आप बिना किसी फिक्र के सुबह उठकर सेहरी करते और सो जाते. फिर दिन भर ये इंतजार करते कि शाम में अम्मी आप के लिए क्या बनाने वाली हैं. जब शाम होती, तो डाइनिंग टेबल पर तरह-तरह के पकवान होते थे.
वो दिन बचपन के थे, लेकिन अब आप बड़े हो गए हैं. अब आपके पास वक्त की कमी भी है.आपको रोजा भी रखना है और अपने काम-काज, पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ अपनी सेहत का खयाल भी रखना है.
36 सालों के बाद रमजान इतनी गर्मियों में पड़ने वाला है.
रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है. दुनियाभर के मुसलमानों के लिए इस महीने की बहुत अहमियत है. विज्ञान के नजरिए से भी ये महीना आपकी सेहत के लिए बेहतरीन है. विशेषज्ञों का कहना है कि रोजा रखने के दौरान शरीर में डिटॉक्सीफिकेशन होता है, जिससे शरीर में मौजूद टॉक्सिनऔर नुकसानदेह तत्व बाहर निकल जाते हैं. ऐसे में रमजान अपनी सेहत का खयाल रखने के लिए बेहतरीन महीना है.
रोजा 15 घंटे से अधिक समय का होगा. ऐसे में इतना लम्बा रोजा रखने के लिए आपको अपनी डाइट का खयाल भी रखना होगा. कैसी हो आपकी सेहरी और इफ्तार, आइए जानते हैं फोर्टिस अस्पताल की न्यूट्रीशनिस्ट रूपाली दत्ता से.
वैसे तो पहले से जो सेहरी और इफ्तार का तौर-तरीका चला अा रहा है, वो बेस्ट है.न्यूट्रीशनिस्ट रूपाली दत्ता
सेहरी
सेहरी ज्यादा हैवी न खाएं, उससे प्यास ज्यादा लगती है और दिनभर तबीयत भारी-भारी लगेगी, जिससे ऑफिस में भी दिनभर सुस्त महसूस करेंगे.न्यूट्रीशनिस्ट रूपाली दत्ता
आप सेहरी में दलिया, ओट्स, साबूदाना ले सकते हैं, इसके अलावा अगर चाहें तो टोस्ट और चाय लें. खीर भी ले सकते हैं. आमलेट खाने के बजाए उबला अण्डा ले लें. अगर हो सके तो फ्रूट्स भी शामिल कर सकते हैं. वैसे भी ज्यादा पानी पीना मुमकिन नहीं होता है, इसलिए फ्रूट्स भी शामिल करेंगे, तो दिनभर हाइड्रेटेड रहेंगे और पानी की कमी नहीं होगी.
इफ्तार
जो बातें किताबों में लिखी होती हैं, उनकी कुछ वजह होती हैं.न्यूट्रीशनिस्ट रूपाली दत्ता
कहते हैं रोजा खजूर से खोलने से सवाब मिलता है, लेकिन सवाब मिलने के साथ-साथ ये आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद है. खजूर में नेचुरल शुगर होती है, जिससे रोजा रखने के दौरान कम हुआ शुगर लेवल बैलेंस हो जाता है.
दिनभर खाली पेट रहने के फौरन बाद ज्यादा पानी न पिएं. इसके अलावा जूस और नींबू-पानी लें.
रोजा रखें, ताकि आप उनका एहसास करें, जो आपसे कमतर हैं. रोजे में आप के घर का राशन ज्यादा लगने के बजाए कम लगना चाहिए, ताकि आप गरीबों में अपने हिस्से का राशन बांट पाएं.
इफ्तार में हल्की चीजें खाएं, ज्यादा तली-भुनी चीजें न लें. फल लें, फाइबरयुक्त चीजें लें. अधिकतर लोग इफ्तार अधिक करने के बाद खाना भी भरपेट खाते हैं, जिससे हाजमा बिगड़ सकता है.
इफ्तार हैवी चीजें न लें और फिर हल्का खाना खाएं.
याद रखें कि रमजान में आपको अपनी बॉडी को ब्रेक देना है. अगर आप रमजान में आम दिनों से भी अधिक खाने लगेंगे, तो रोजा रखने का आपकी बॉडी को कोई फायदा नहीं होगा. बॉडी को आम रुटीन से ब्रेक कैसे मिलेगा?न्यूट्रीशनिस्ट रूपाली दत्ता
आजकल रमजान में रातभर खाने-पीने की दुकानें खुली रहती हैं. घूमने और खाने-पीने में मजा तो बहुत आता है, लेकिन आपको अपने पेट का भी खयाल रखना है.
ईद में आपको अच्छा भी दिखना है, इसलिए अपनी सेहत का खयाल रखें और खुश रहें, मुस्कुराते रहें.
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