Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मुदस्सिर और मोहम्मद साहिल: रांची हिंसा में मारे गए दोनों शख्स कौन हैं?

मुदस्सिर और मोहम्मद साहिल: रांची हिंसा में मारे गए दोनों शख्स कौन हैं?

रांची हिंसा में मारे गए मुदस्सिर और मोहम्मद साहिल के मां-बाप से बातचीत

आनंद दत्त
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>मुदस्सिर और मोहम्मद साहिल: रांची हिंसा में मारे गए दोनों शख्स कौन हैं?</p></div>
i

मुदस्सिर और मोहम्मद साहिल: रांची हिंसा में मारे गए दोनों शख्स कौन हैं?

(फोटो- द क्विंट)

advertisement

पैगंबर मोहम्मद साहब (Prophet Muhammad) पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में झारखंड की राजधानी रांची में हिंसक प्रदर्शन. यहां 15 साल के मुदस्सिर के सिर में गोली और एक मां निखत परवेज के जीवन की डोर ही लगभग खत्म. क्योंकि मुदस्सिर उनका इकलौता बेटा था. मुदस्सिर के पिता ने मजदूरी कर बेटे को दसवीं कक्षा तक पहुंचाया था. उम्मीद थी, ये ही उन दोनों के जीवन को बेहतर करेगा. लेकिन अब ऐसा कुछ होने की संभावना खत्म हो चुकी है.

रांची के हिंदपीढ़ी इलाके के घर के आंगन में निखत परवेज लगभग घंटे- दो घंटे बाद बेहोश हो जा रही है. आसपास खड़ी महिलाएं कोई पानी पिला रही हैं तो कोई पंखा झल रही है. होश आते ही निखत चिल्लाने लगती हैं- मेरे लाल को छीन लिया रे बाप, मेरे लाल को कौन मार दिया रे. मेरा बाबू को कैसे मारा. तन्हा मेरा बच्चा.

इतना कहते ही वह चिल्लाने लगती हैं. कहती हैं...

मेरा बच्चा भीड़ में नहीं था. तलवार लेकर गया था? पत्थर लेकर गया था? गोली लेकर गया था? वो हमसे सवाल करती हैं. कहती हैं-''सरकार से पूछिये कि गोली मारने के लिए उसने ही कहा था, ये कहा था कि अगर कोई इस्लाम जिंदाबाद करे तो उसको गोली मार देना?’

बिलखती पत्नी को छोड़ पति परवेज आलम पास के डेली मार्केट थाने पहुंचे.

क्विंट से उन्होंने कहा बिलखती पत्नी को छोड़ पति परवेज आलम पास के डेली मार्केट थाने पहुंचे. क्विंट से उन्होंने कहा कि मैं यहा इंसाफ के लिए आया हूं. बीते तीन घंटे से कुछ पुलिसवाले और अन्य के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराने की गुहार लगा रहा हूं. लेकिन पुलिस ने साफ मना कर दिया.

हालांकि 3 घंटे तक मिन्नतों और वरीय पुलिस अधिकारियों से गुहार का सिलसिला चला, तब जाकर उनकी शिकायत ली गई.

हर दिन कमाकर खानेवाले परवेज बीते 11 जून से कुछ काम नहीं कर रहे हैं. अब उन्हें घर में चूल्हा जलने की चिंता है. फिलहाल भले ही रिश्तेदार और पड़ोसी उनकी मदद कर रहे हैं, लेकिन उनके चेहरे की सिकन से साफ समझा जा सकता है.

मोबाइल पार्ट्स की दुकान में काम करता था मोहम्मद साहिल

हिंसा के दौरान मारा गया दूसरा शख्स कर्बला चौक निवासी 24 साल का मोहम्मद साहिल है. साहिल के पिता ऑटो ड्राइवर हैं. बीमार पत्नी को खाना खिलाने के बाद उन्होंने क्विंट से अपना दर्द बयां किया.

उन्होंने कहा कि यहां प्रदर्शन में जितने भी लोग शामिल थे, वहां किसी का कोई मार्गदर्शक नहीं था. सब 15 से 25 साल तक के लड़के थे. पुलिस को इतनी बर्बरता से गोली नहीं चलानी चाहिए थी.’’ वो आगे कहते हैं.

लोग सड़क पर क्यों आ रहे हैं, इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. एक तरीके से एक पक्ष को टारगेट किया जा रहा है. तुम रोड में आओ, हम मारेंगे. यही नहीं, मारेंगे भी और FIR भी तुम्हारे खिलाफ करेंगे. आज से 20-25 साल को याद करते हैं, ऐसा माहौल बिल्कुल नहीं था.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

साहिल मोबाइल पार्टस की दुकान में काम करते थे. पिता के अलावा घर में वही थे, जो पैसे कमा रहे थे. उनके दो भाई भी हैं, एक छोटा और एक बड़ा. मां सोनी परवीन की किडनी का ऑपरेशन बेटे की मौत से एक दिन पहले ही हुआ था. सदमा और स्वास्थ्य के बीच झूलती सोनी परवीन कभी कुर्सी पर बैठती हैं तो कभी बेड पर जाकर लेट जाती हैं. दिनभर में किसी से कोई बातचीत नहीं.

किस हाल में हैं अन्य घायल?

इन दोनों के अलावा पूरे घटनाक्रम में कुल 22 लोग घायल हुए हैं. जिसमें 10 लोगों को गोली लगी थी. इसमें 9 मुस्लिम युवक हैं और एक पुलिसकर्मी. इन 9 युवकों में साहिल और मुदस्सिर की मौत हो चुकी है. आठ लोग अभी भी इलाज करा रहे हैं. इन 8 में एक व्यक्ति इस वक्त भी जिंदगी और मौत के बीज जूझ रहे हैं. बाकि खतरे से बाहर हैं.

बीते 12 जून को रांची के जिलाधिकारी छवि रंजन और एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. जिसमें उन्होंने बताया लाठीचार्ज और हवाई फायर के बाद भी स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही थी. ऐसे में दोनों ने मिलकर गोली चलाने का आदेश दिया.

वहीं रांची के अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक पूरे मामले में अब तक कुल 25 FIR दर्ज कराई गई है. जिसमें 17 FIR आमलोगों की तरफ से दर्ज कराए गए हैं. बाकि पुलिसकर्मियों और जिला प्रशासन की तरफ से. इसमें तीन FIR और एक शिकायत की कॉपी क्विंट के पास मौजूद हैं. सीएम के आदेश के बाद पूरे मामले की जांच SIT कर रही है.

हालांकि मुस्लिम समुदाय में इस बात को लेकर भारी रोष है कि इतनी बड़ी घटना हो गई, लेकिन सीएम हेमंत सोरेन एक बार भी उनसे मिलने नहीं आए.

इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी झारखंड के राज्यपाल से पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है. जिसके बाद राज्यपाल रमेश बैस ने डीजीपी से घटना के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा है.

घटना के बाद रांची के 12 थाना क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई थी. जिसमें छूट देते हुए अब 6 थाना क्षेत्रों में ही यह लागू है. इन इलाकों में दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक लोगों को जरूरत के सामान खरीदने की छूट दी गई है.

इस बीच बीते 12 जून को जमीअत उलेमा हिंद के राष्ट्रीय महासचिव हजरत मौलाना हकीमुद्दीन कासमी दिल्ली से रांची पहुंचे. वो प्रेस वार्ता करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने इलाके में धारा 144 लगे होने की बात कर, प्रेस वार्ता को स्थगित करवा दिया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT