advertisement
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस साल राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं करेंगे. दरअसल राष्ट्रपति भवन में सरकारी खर्चे पर अब कोई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा. ये आदेश रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई 2017 को दिया था, जब उन्होंने राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाला था. लेकिन इस आदेश को सार्वजनिक अब किया गया है.
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने बुधवार को कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने पदभार ग्रहण करने के बाद फैसला किया गया था कि राष्ट्रपति भवन जैसी सार्वजनिक इमारत में करदाताओं के खर्चे पर किसी तरह का धार्मिक समारोह या त्योहार नहीं मनाया जाएगा."
उन्होंने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को ध्यान में रखकर ये फैसला किया गया है और ये सभी तरह के धार्मिक कार्यक्रमों पर लागू होता है.
मीडिया खबरों की मानें, तो करीब 10 सालों बाद ऐसा होगा जब राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया जाएगा. इससे पहले क्रिसमस भी यहां सेलिब्रेट नहीं किया गया था.
इससे पहले राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी अपने कार्यकाल के दौरान इफ्तार पार्टी के आयोजन पर रोक लगाई थी. ये रोक साल 2002 से 2007 तक लगी रही थी. कलाम इफ्तार पार्टी में खर्च होने वाले पैसों को गरीबों और जरूरतमंदों को बांटते थे. हालांकि इसके बाद राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल के दौरान इफ्तार पार्टी पर से रोक हट गई. और प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल के दौरान भी ये सिलसिला चलता रहा.
ये भी पढ़ें- नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन की 10 बड़ी बातें
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)