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"8 सितंबर को जब मैं घर पर था तब रात करीब 11.15 बजे बाहर से हमें नारेबाजी और चिल्लाने की आवाज आई, बाहर आकर देखा तो भीड़ आपत्तिजनक नारे लगा रही थी, उनमें काजल किन्नर सहित अन्य लोग मौजूद थे. वे ईशारे से भीड़ को बता रहे थे कि इन लोगों को घर से बाहर निकाल कर मारों, और तोड़फोड़ करो. इसके बाद भीड़ ने हमारे घर के पास खड़े कई वाहनों के साथ तोड़ फोड़ की. मेरी गाड़ी का नुकासन हो गया और आसपास की गाड़ियों का भी नुकसान हुआ."
ये बात शाकिर खान ने क्विंट हिंदी से बातचीत में और FIR में कही है. शाकिर जिस घटना का जिक्र कर रहे हैं ये घटना मध्य प्रदेश के रतलाम की है. इससे एक दिन पहले गणेश प्रतिमा की स्थापना के लिए जब जुलूस निकाला जा रहा था तब आरोप लगाया गया कि मोचीपुरा क्षेत्र में किसी ने प्रतिमा पर पत्थरबाजी की.
जुलूस निकालने वालों में काजल किन्नर सहित कई अन्य लोग शामिल हैं जिन्होंने पुलिस थाने में इसकी शिकायत की. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्यवाही शुरू. लेकिन पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि पत्थरबाजी की कोई घटना नहीं हुई है. शिकायतकर्ता के कहने पर पत्थरबाजी की घटना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले लेकिन उसमें कोई व्यक्ति पत्थर फेंकता हुआ नहीं दिखाई दिया.
इसके बाद काजल किन्नर, लखन रजवानिया के नेतृत्व में 100-200 लोगों की भीड़ हाथीखाना क्षेत्र (मोचीपुरा इलाका) में पहुंच गई जहां गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया. भीड़ को तितर-बितर किया गया.
राहुल कुमार लोढ़ा ने आगे बताया कि, "इनमें से तीन मुख्य हैं - काजल किन्नर, लखन, महेंद्र सोलंकी - इन तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. सोशल मीडिया के जरिए अगर कोई भड़काऊ बयान करता है तो उस पर भी कार्रवाई होगी. अगर कोई पर्दे के पीछे रह कर इसमें काम कर रहा है तो हम उसे लेकर भी कार्रवाई करेंगे. जो भी रतलाम की फिजा बिगाड़ेगा या असामाजिक तत्व है उसके खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे."
क्विंट हिंदी ने रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा से बातचीत की उन्होंने बताया कि "हमने सारे स्थानीय सीसीटीवी फुटेज खंगाले, कहीं कोई पत्थर फेंकता हुआ नहीं दिख रहा है. शिकायतकर्ता ने तीन बार अलग-अलग स्पॉट बताए जहां कथित रुप से पत्थरबाजी हुई. हमने तीनों जगहों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले लेकिन ऐसा कोई मामला हमें अभी तक नहीं मिला."
एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने क्विंट हिंदी को बताया कि, एफआईआर में नामजद कुछ लोगों पर पहले से ही मामले दर्ज हैं. काजल किन्नर पर अवैध वसूली के आरोप हैं, पहले वो टोल नाके पर अवैध तरीके से वसूली करते हुए पकड़ाई जा चुकी हैं. बाकी लखन पर भी शराब के मामले में आरोप हैं. जयदीप गुर्जर सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. इन्हें भी मैंने और एएसपी ने समझाया कि मामले को तूल न दें लेकिन किसी ने माना नहीं इसीलिए सबको हमने आरोपी बनाया है."
काजल किन्नर और अन्य के खिलाफ शिकायत करने वाले कई शिकायतकर्ताओं में से एक शकिर खान ने क्विंट हिंदी को बताया कि उनके पास लाठी थी, अंधेरे में ज्यादा दिखा नहीं लेकिन वे लोग गलत नारे लगा रहे थे.
बता दें कि काजल किन्नर के नेतृत्व में पहुंची भीड़ ने इलाके में तोड़फोड़ की मामला बढ़ता उससे पहले ही पुलिस ने भीड़ को खदेड़ दिया.
काजल किन्नर के नेतृत्व में भीड़ ने जो तोड़-फोड़ की उस मामले में एसपी लोढ़ा ने कहा:
10 सितंबर को इस पूरे घटनाक्रम में बड़ा बदलाव आया. बीजेपी रतलाम जिला अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय और रतलाम के हिंदू जागरण मंच पदाधिकारी कमलेश ग्वालियरी ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई को एकतरफा बताया और दूसरे पक्ष के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की.
उपाध्याय ने आगे पुलिस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि, "पुलिस लाठीचार्ज में एक लड़के की मौत हो गई, उसे भी न्याय मिले, मुआवजा मिले. 24 घंटे के अंदर अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हिंदू आंदोलन करेंगे."
रतलाम के हिंदू जागरण मंच पदाधिकारी कमलेश ग्वालियरी ने कहा कि, "दो दिन पहले गणेश प्रतिमा पर पथराव हुआ था, इसे लेकर हिंदू समाज थाने पर एकत्रित हुआ था लेकिन पुलिस ने इस घटना को अफवाह बताया जबकि मामले का सबूत और वीडियो दोनों हैं, हिंदू समाज को देश में झूठा बताकर नाम खराब करने की कोशिश की गई है. इसी विषय में हमने कलेक्टर महोदय से बात की. कई लोगों को अमानवीय तरीके से मारा पीटा गया, महिलाओं के साथ अभद्रता की गई, इसे लेकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए."
हालांकि बाद में एसपी लोढ़ा ने किसी भी व्यक्ति की लाठी चार्ज से मौत की बात को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, "लाठी चार्ज के दौरान किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है, सोशल मीडिया पर जिस व्यक्ति की बात हो रही है वह अस्पताल में भर्ती हुआ था और उसकी इलाज के दौरान अस्पताल में ही मौत हुई है. प्रथमिक जांच यही बताती है क्योंकि व्यक्ति पर कोई चोट के निशान नहीं है और अब तक इस संबंध में कोई शिकायत भी नहीं आई है."
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