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मध्य प्रदेश: धर्म परिवर्तन के दो अलग-अलग मामलों में चार लोग गिरफ्तार

मध्य प्रदेश में तेजी से रिपोर्ट किए जा रहे हैं धार्मिक मामले

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>मध्य प्रदेश में कथित धर्म परिवर्तन के दो अलग-अलग मामलों में चार गिरफ्तार</p></div>
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मध्य प्रदेश में कथित धर्म परिवर्तन के दो अलग-अलग मामलों में चार गिरफ्तार

(फोटो- द क्विंट) 

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26 दिसंबर को कथित तौर पर एक धर्म परिवर्तन मामले में मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) ने झाबुआ जिले से एक कैथोलिक पादरी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति जावेद खान पर मध्य प्रदेश के धर्म स्वतंत्रता अधिनियम-2021 के तहत अशोकनगर जिले में केस दर्ज किया गया है.

झाबुआ एक आदिवासी बहुल जिला है, जहां पर पिछले दिनों ईसाई मिशनरियों के खिलाफ कथित तौर पर धर्मांतरण की घटनाओं और पुलिस कार्यवाई के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है.

एक दूसरी घटना में, अशोक नगर जिला पुलिस ने जावेद खान के खिलाफ एक आदिवासी महिला का जबरन धर्म परिवर्तन करवाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है.

पुलिस स्टेशन में शिकायत

पुलिस ने यह कार्रवाई 26 साल की तेतिया बरिया नाम की आदिवासी लड़की के कल्याणपुरा थाने में शिकायत दर्ज करवाने के बाद की, जिसमें आरोप लगाया फादर जाम सिंह, पादरी अंसिंह निनामा और मंगू मेहताब भूरिया के द्वारा मिशनरी संचालित अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं और शिक्षा के वादों के तहत कथित धर्मांतरण का ऑफर दिया गया.

तेतिया ने अपनी शिकायत में बताया कि

26 दिसंबर को, सुबह करीब 8 बजे, फादर जाम सिंह डिंडोरे ने मुझे और सुरती बाई (एक अन्य ग्रामीण) को अपने प्रेयर रूम में बुलाया और हमें धर्मांतरण के लिए की जा रही साप्ताहिक मीटिंग में बैठाया. उन्होंने हम पर पानी के छीटे मारे और हमारे सामने बाइबल पढ़ी. व्यक्तियों ने मुझे ऑफर दिया कि अगर हम ईसाई धर्म कुबूल करत हैं तो हमारे परिवार को मुफ्त शिक्षा और मेडिकल सुविधाएं दी जा

तेतिया ने कहा कि मैंने और सुरती बाई दोनों ने धर्मांतरण से इनकार कर दिया और हम वहां से चले आए. बाद में हमने पुलिस को इस मामले की जानकारी दी.

झबुआ जिले के कल्याणपुरा पुलिस स्टेशन इंचार्ज दिनेश रावत ने द क्विंट से बात करते हुए बताया कि...

तेतिया बरिया और सुरती बाई ने एक शिकायत दर्ज की थी जिसमें उन्होंने एक कैथोलिक पुजारी और एक पादरी सहित तीन लोगों का नाम लिया था. तेतिया ने दावा किया है कि फ्री शिक्षा और मेडिकल सुविधाओं के वादे के साथ तीनों आरोपियों द्वारा उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा जा रहा था. मामले में मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम-2021 अधिनियम की धारा 3, 5,10(2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और तीनों व्यक्तियों को कोर्ट के आदेश के बाद जेल भेज दिया गया है.
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धर्मांतरण से जुड़ा दूसरा मामला

दूसरा मामला अशोक नगर जिले से संबंधित है, जिसमें जिला पुलिस ने 25 दिसंबर को जावेद खान के खिलाफ एक आदिवासी महिला को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है.

अशोकनगर पुलिस थाने में दर्ज की गई शिकायत में महिला ने दावा किया है कि जावेद खान मेरे साथ रह रहा था और उसने खुद को राकेश कुशवाहा बताया था. उन्होंने कहा कि मुझे बाद में इस बात का पता चला कि उसका असली नाम जावेद है.

अशोकनगर पुलिस ने संज्ञान लेते हुए जावेद खान के खिलाफ एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम-1989 की धाराओं और मध्य प्रदेश के धर्म स्वतंत्रता अधिनियम-2021 की धारा 5 के तहत एफआईआर दर्ज की है.

मामलों में बढ़ोतरी

पिछले दिनों झाबुआ में कथित धर्मांतरण के कई मामले सामने आए हैं.

इससे पहले नवंबर 2021 में, आदिवासी समाज सुधारक संघ के संयोजक आजाद प्रेम सिंह डामोर ने विश्व हिंदू परिषद की छत्रछाया में 56 ईसाई मिशनरियों के खिलाफ कार्रवाई करने और आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित संवैधानिक रूप प्रावधानों का लाभ उठाने से रोकने के लिए जिला अधिकारियों को पत्र लिखा था.

राज्य सरकार द्वारा हाल ही में पारित किए गए फ्रीडम ऑफ रिलिजन एक्ट-2021 के तहत मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा 15, दिसंबर तक कुल 62 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 8 मामले ईसाइयों के खिलाफ हैं.

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