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भारत के 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर 108 पदकों के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस को सबसे अधिक वीरता पदक मिलने जा रहे हैं और इसके बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का नंबर आता है जिन्हें 76 पदक मिले हैं. यह जानकारी शनिवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गई है.
केंद्रशासित प्रदेश की पुलिस कश्मीर घाटी में आतंकवाद निरोधक अभियानों में निरंतर शामिल रही है और इसे मिले कुल 108 पदकों में से तीन वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमजी) शामिल है. इस बार चार पीपीएमजी की घोषणा हुई है, जिसमें से तीन जम्मू कश्मीर पुलिस को मिला है. एक पदक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को (मरणोपरांत) मिला है.
सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल के समय में किसी पुलिस बल के जीते गए वीरता पदकों की यह सबसे अधिक संख्या है. इतने पदक किसी पुलिस बल ने नहीं जीते हैं. नक्सल रोधी अभियानों के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) केंद्र शासित क्षेत्र में भी आतंकवाद निरोधी अभियानों में ड्यूटी पर तैनात है और उसने भी वीरता पदक पाने की अपनी परंपरा बरकरार रखी है.
सीआरपीएफ के लिए 75 पीएमजी और एक पीपीएमजी कोबरा कमांडो उत्पल राभा (मरणोपरांत) की घोषणा हुई है. राभा जून 2018 में झारखंड में माओवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे और उनकी प्रशस्ति में कहा गया है कि उन्होंने गोलीबारी के दौरान ‘‘अदम्य साहस’’ दिखाया.
इसके अलावा आठ राज्यों के पुलिस बलों को पुलिस बहादुरी पदक (पीएमजी) से सम्मानित किया गया उनमें झारखंड राज्य पुलिस इकाई (33), ओडिशा (16), दिल्ली पुलिस (12), महाराष्ट्र (10), छत्तीसगढ़ (8), बिहार (7), पंजाब (4) और मणिपुर (2) शामिल हैं. केंद्रीय बलों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को नौ पीएमजी, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को चार और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को एक पदक मिले हैं.
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कुल 1,040 पुलिस पदकों की घोषणा हुई जिनमें 93 विशिष्ट सेवा पदक और 657 मेधावी सेवा पदक शामिल हैं. पुलिस बहादुरी पुरस्कारों की घोषणा साल में दो बार गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है.
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