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अंग्रेजी न्यूज चैनल रिपब्लिक टीवी ने 30 जनवरी को जामिया फायरिंग वाली खबर को गलत तरीके से दिखाया. फायरिंग वाली घटना के करीब सात घंटों बाद रात 9 बजे प्राइम टाइम शो में चैनल के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी. उन्होंने ये दावा भी किया कि चैनल की टीम ने गलती का अहसास किया है.
अर्नब गोस्वामी ने प्राइम टाइम शो में कहा-
हालांकि, चैनल मैकर्स ने अपनी गलती का अहसास करने में करीब सात घंटों का समय लिया. ये घटना गुरुवार दोपहर करीब 1:15 बजे हुई थी और प्राइम टाइम शो रात नौ बजे आता है.
जब दोपहर 1 बजकर 55 मिनट पर जामिया में फायरिंग की खबर सामने आई, कई मीडिया ग्रुप्स शूटर की पहचान करने और उसका मकसद जानने की कोशिश में लग गए. लेकिन रिपब्लिक टीवी ने तुरंत दावा कर दिया कि ये शूटर प्रदर्शनकारियों में से ही एक शख्स है.
यही नहीं, रिपब्लिक टीवी ने सीधे-सीधे राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी पर सवाल उठाना शुरू कर दिए. चैनल के एडिटर ने कहा, "राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल को बताना चाहिए कि वो किस तरह इस घटना का सपोर्ट कर रहे हैं."
दोपहर लगभग 3:00 बजे, शूटर की पहचान हुई. कई पत्रकारों ने शूटर की पहचान ट्विटर पर शेयर की. लेकिन चैनल लगातार फायरिंग के लिए प्रदर्शनकारियों को दोषी ठहराता रहा.
शाम 4:04 बजे के बुलेटिन में चैनल ने जामिया शूटिंग की घटना को शाहीन बाग से जोड़ दिया. शाहीन बाग में सीएए-एनआरसी के खिलाफ करीब 45 दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
रिपब्लिक और रिपब्लिक हिंदी ने किस तरह जामिया फायरिंग वाली घटना को कवर किया, इसको लेकर रिसर्चर वसुंधरा सिंह सरनाटे ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया.
शाम छह बजे के बुलेटिन में भी रिपब्लिक हिंदी ने इसी तरह का एक और बुलेटिन चलाया. फायरिंग की घटना को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से जोड़ना जारी रखा.
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