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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने देश में आरक्षण को लेकर एक बार फिर बयान दिया है. आरएसएस के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसाबले ने कहा, समाज में सामाजिक और आर्थिक असमानता के कारण आरक्षण की आवश्यकता है. और तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए जब तक लोगों को इसकी जरूरत महसूस होती है.
दत्तात्रेय होसाबले ने कहा कि संघ को लगता है कि मंदिर, श्मशान और जल भंडार सभी लोगों के लिए खुले होने चाहिए, ये किसी खास जाति तक सीमित नहीं होना चाहिए.
संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक के आखिरी दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में दत्तात्रेय होसाबले ने कहा-
ये पूछे जाने पर कि क्या आरएसएस को लगता है कि आरक्षण अनिश्चितकाल तक जारी नहीं रहना चाहिए, इस पर होसाबले ने दत्तात्रेय होसाबले ने ये आरक्षण लेने वाले लोगों को तय करना है. उन्होंने संघ का रुख को साफ करते हुए कहा कि आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक इसके लाभार्थियों को जरूरत महसूस हो.
दत्तात्रेय होसाबले ने कहा, एक दलित संगठन ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर समाज में भेदभाव खत्म करने के लिए संघ के रुख की सराहना की है.
संघ की समन्वय बैठक के आरक्षण का मुद्दा एजेंडे में नहीं था और इस पर चर्चा भी नहीं की गई. लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार समन्वय बैठक में आरएसएस के 35 सहयोगियों के 200 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने भाग लिया. बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव (संगठन) बीएल संतोष बैठक में शामिल हुए.
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