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जेएनयू में हाल में बढ़ी फीस को लेकर आंदोलन के दौरान वहां के छात्र-छात्राओं और यूनिवर्सिटी को लेकर तमाम फेक न्यूज आ रहे हैं. इन दिनों रेडियो पर ‘बउआ’ नाम के एक कैरेक्टर के जरिये शो करने वाले जॉकी रौनक का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह जेएनयू के बारे में कई फर्जी दावे करते नजर आ रहे हैं. हालांकि द क्विंट की पहल वेबकूफ और फेक न्यूज का पर्दाफाश करने वाली कई साइटों ने इन दावों की पोल खोल दी है.
रौनक के विडियो ‘JNU फीस विवाद का पूरा सच’ सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है . एक ओर #Isupport_Rjरौnac तो दूसरी ओर #boycottbaua ट्रेंड कर रहा है.
अपने वीडियो में रौनक ने जेएनयू स्टूडेंट्स को सीनियर सीटिजन कहा. रौनक ने जेएनयू स्टूडेंट्स पर व्यंग्य करते हुए कहा कि पुलिस को उन पर लाठी चार्ज नहीं करना चाहिए. कोई भी सभ्य समाज अपने बुजुर्गों पर लाठी चार्ज को स्वीकार नहीं करेगा.
रौनक ने कहा कि जेएनयू में हॉस्टल की फीस अब भी कम है. फीस दस रुपये से 300 रुपये बढ़ाई गई है. इतना तो शहर में स्टूडेंट्स किराये के कमरे के लिए रेंट एग्रीमेंट के लिए दे देते हैं. रौनक का दावा बिल्कुल गलत है क्योंक जेएनयू का हॉस्टल फीस बढ़ कर 61 हजार से 66 हजार रुपये सालाना हो गया था. जबकि दिल्ली यूनिवर्सिटी में हॉस्टल फीस 40 हजार से 55 हजार रुपये सालाना है. रौनक के दावे के उलट जेएनयू अब देश में सबसे ज्यादा हॉस्टल फीस वाली सेंट्रल यूनिवर्सिटी बन चुकी है.
यहां हम रौनक के उन दावों की कलई खोल रहे हैं, जो उन्होंने वीडियो में किए है
रौनक ने दावा किया है कि दिल्ली देश की टॉप रैंक यूनिवर्सिटी है. लेकिन यह सही नहीं है. एचआरडी मिनिस्ट्री की लिस्ट देखें तो जेएनयू देश की दूसरी टॉप यूनिवर्सिटी है.
आरजे रौनक ने एक और फर्जी दावा किया. रौनक ने अपने वीडियो में एक ऐसी तस्वीर इस्तेमाल किया है, जिसमें दिखाया गया है कि एक महिला अपने बाल कंडोम से बांधी हुई है. हालांकि द क्विंट ने पहले ही इस तस्वीर का पर्दाफाश करते हुए बताया कि था कि इस तरह की फेक तस्वीर वायरल कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. दरअसल यह तस्वीर एक मीम का हिस्सा है जो सोशल मीडिया पर यह कह कर वायरल किया जा रहा है कि यह जेएनयू स्टूडेंट का है.
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