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मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रॉबर्ट वाड्रा को पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 फरवरी तक अग्रिम जमानत दी है. इससे पहले उन्होंने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर की थी. इस मामले में ईडी उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई कर सकती है. यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला रॉबर्ट वाड्रा के करीबी और उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा से जुड़ा है.
रॉबर्ट वाड्रा को कोर्ट से राहत मिलने के बाद उनके वकील ने कहा कि वो पूरी तरह से ईडी की जांच में सहयोग करेंगे. इसके लिए 6 फरवरी को वाड्रा ईडी के सामने पेश होंगे. इससे पहले ईडी ने उनकी जमानत के खिलाफ कोर्ट में अपील की थी.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनोज अरोड़ा और रॉबर्ट वाड्रा पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ईडी का दावा है कि मनोज अरोड़ा इस मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में काफी अहम व्यक्ति है. फिलहाल उसकी गिरफ्तारी पर 6 फरवरी तक रोक लगाई गई है. अरोड़ा पर आरोप है कि उसने वाड्रा की अघोषित संपत्तियों के लिए पैसे मुहैया करवाए. ईडी का मानना है कि उसे सभी संपत्तियों के बारे में पूरी जानकारी है.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की जांच का सामना कर रहे रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि उन्हें टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा, मुझ पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और राजनीति से प्रेरित हैं. उन्होंने कहा कि मैं एक कानून का सम्मान करने वाला व्यक्ति हूं.
इस मामले में ईडी लगातार कड़ा रुख अपनाए हुए है. ऐसे में जल्द आंच रॉबर्ट वाड्रा तक भी पहुंच सकती है. इसी बात को देखते हुए वाड्रा कोर्ट पहुंचे हैं. अगर उन्हें कोर्ट की तरफ से अग्रिम जमानत मिल जाती है तो ईडी उन्हें तुरंत हिरासत में नहीं ले सकती है. उनकी इस याचिका पर शनिवार को सुनवाई हो सकती है.
लंदन के ब्रायंस्टन स्क्वायर में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के 17 करोड़ से ज्यादा की कथित संपत्ति खरीदने के मामले में मनोज अरोड़ा से पूछताछ की जा रही है. लंदन में खरीदी गई इस संपत्ति में ही करोड़ों के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. ईडी की तरफ से बताया गया है कि रॉबर्ट वाड्रा उस संपत्ति के मालिक हैं.
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