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दिल्ली के एक कोर्ट ने रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल को एक दिन के लिए सीबीआई की ट्रांजिट रिमांड में भेज दिया है. बाप-बेटे पर बैंक का 3,695 करोड़ रुपये नहीं चुकाने का आरोप है. कोर्ट ने कहा कि कथित रूप से जब्त किया गया पैसा बरामद करने के लिए उत्तर प्रदेश में ही रहना होगा.
रोटोमैक के मालिक और बेटे को शुक्रवार को अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के सामने पेश किया गया. सीबीआई ने उन्हें लखनऊ ले जाने के लिए कोर्ट से दो दिन के लिए उनकी ट्रांजिट रिमांड मांगी. सीबीआई ने कहा कि उन्हें आरोपियों के तौर तरीके का पता लगाना है और बैंकों का जब्त किया गया पैसा वापस लाना है.
मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘‘24 घंटे के अंदर उन्हें संबंधित कोर्ट में पेश कीजिए.'' दोनों आरोपियों को लोन रिपेमेंट के कथित उल्लंघन को लेकर गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था. दोनों की ट्रांजिट रिमांड की मांग करते हुए सीबीआई ने यह भी कहा कि उन्हें आरोपी से पैसा वापस लाना है और एक बड़ी साजिश का खुलासा करना है.
दुबे ने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया. अपने आवेदन में सीबीआई ने कहा कि चूंकि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे और गलत जवाब दे रहे थे, ऐसे में उन्हें गिरफ्तार किया गया. वैसे दिन में इससे पहले बचाव पक्ष के वकील ने अदालत के क्षेत्राधिकार पर एतराज किया था और कहा था कि आरोपी मजिस्ट्रेट कोर्ट में नहीं, सीबीआई कोर्ट में पेश किए जाएं. लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने यह दलील खारिज कर दी और सीबीआई की अर्जी पर दलीलें सुनी.
सात बैंकों के एक ग्रुप ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को 2008 के बाद से 2,919 करोड़ रुपये का लोन दिया था. भुगतान नहीं किए जाने के कारण यह रकम ब्याज समेत 3,695 करोड़ रुपये हो गयी. बैंक ऑफ बड़ोदा की शिकायत पर सीबीआई ने कार्रवाई शुरू की है.
बीओबी ने नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी की तरह कोठारी के भी विदेश भाग जाने की आशंका से सीबीआई से संपर्क किया था. वैसे सात बैंकों के ग्रुप का अगुवा बैंक ऑफ इंडिया है. ग्रुप में दूसरे बैंक ओवरसीज बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स हैं. सीबीआई ने विक्रम, उनकी पत्नी साधना, पुत्र राहुल और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
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(क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके. छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.)
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