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कश्मीर में गोलियों के शिकार हुए राइजिंग कश्मीर के एडिटर इन चीफ शुजात बुखारी ने अपनी मौत के कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मिल कर सिक्योरिटी बढ़ाने की मांग की थी. आईबी के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर ए एस दुलत ने ये खुलासा किया है.
लंदन में दुलत ने बताया कि राइजिंग कश्मीर के एडिटर इन चीफ शुजात बुखारी घाटी में लगातार अलगाव, बढ़ते उग्रवाद और अन्य दूसरे तरह के डर के बारे में बताते रहते थे. उनका मानना था कि ऐसे माहौल में कोई सेफ नहीं है. दुलत ने कहा कि बुखारी को किसी किस्म की आशंका सता रही होगी. यही वजह है कि उन्होंने सीएम महबूबा मुफ्ती के पास जाकर अपनी सुरक्षा बढ़ाने की दरख्वास्त की थी. तब कौन जानता था कि बुखारी को गोली मार दी जाएगी.
दुलत ने कहा कि उनकी बुखारी से छह सप्ताह पहले इंस्ताबुल में मुलाकात हुई थी. पिछले पंद्रह दिनों के दौरान यात्रा में रहने के बाद बुखारी दुलत की किताब ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स’ की लांचिंग में दिल्ली आए थे. बुक की लांचिंग 23 मई को हुई थी. दुलत ने कहा कि बुखारी हमेशा की तरह बड़े ही निडर तरीके से घाटी में आतंकवाद के बारे में बात करते रहे. घाटी पिछले कुछ वर्षों से जिस तरह से आतंकवाद में डूबती जा रहा थी उस पर भी बात हुई.
दुलत ने कहा कि वह घाटी में बातचीत के पक्के पक्षधर थे. वह बेहतरीन इंसान और दोस्त थे. वह घाटी के बेहतरीन पत्रकारों में से थे और उनका भविष्य बहुत शानदार था.
राइजिंग कश्मीर के एडिटर इन चीफ शुजात बुखारी को 14 जून को श्रीनगर के उनके दफ्तर के बाहर गोली मार दी गई थी. उनके अंगरक्षक दो पुलिस अफसरों की भी हमले में मौत हो गई थी. सरकार का कहना है कि बुखारी की हत्या घाटी में सक्रिय आतंकवादियों ने की है.
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