Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बीमारी-बीमारी न करें, इससे हटकर कुछ सकारात्मक बात करें- रविशंकर

बीमारी-बीमारी न करें, इससे हटकर कुछ सकारात्मक बात करें- रविशंकर

RSS के पॉजिटिविटी अनलिमिटेड प्रोग्राम में श्रीश्री रविशंकर, अजीम प्रेमजी और निवेदिता रघुनाथ का सेशन

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
i
null
null

advertisement

राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) और बीजेपी कोरोना महामारी के बीच अब पॉजिटिविटी मुहिम चला रहे हैं. आरएसएस की तरफ से शुरू किए गए पॉजिटिविटी अनलिमिटेड मुहिम के दूसरे दिन आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर श्रीश्री रविशंकर, विप्रो लिमिटेड के चेयरमैन अजीम प्रेमजी और विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की वॉइस प्रेसिडेंट निवेदिता रघुनाथ ने अपने विचार रखे. इन सभी लोगों ने लोगों को बताया कि वो इस भयावह महामारी के दौर में भी खुद को कैसे पॉजिटिव रख सकते हैं. इस दौरान श्रीश्री रविशंकर ने कोरोना की इस त्रासदी को लेकर कहा कि जो समस्या है वो है, लेकिन ऐसी बातें करने से बचना चाहिए. बीमारी-बीमारी नहीं करना चाहिए.

इस वक्त धैर्य और हिम्मत जरूरी- श्रीश्री रविशंकर

आरएसएस के इस सेशन के दौरान आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि ये वक्त मनुष्य की सबसे बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि ईश्वर को मानकर इस लड़ाई से लड़ना है. ये वायरस जिसे हम देख भी नहीं सकते हैं, उसके साथ लड़ रहे हैं. हम अपनी कमजोरी को साक्षात महसूस कर रहे हैं. इस वक्त निर्बल के बलराम को याद करना होगा. श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि,

“इस वक्त अपने मित्रों और रिश्तेदारों की तकलीफ देखकर दुखी हैं. मृत्यु का तांडव देख रहे हैं. दुख और दर्द भरा हुआ है. ऐसे में हमें कुछ चीजों पर ध्यान देना चाहिए. सबसे पहली बात ये कि हर व्यक्ति के अंदर धैर्य और हिम्मत होती है. उसे जगाने का यही समय है. दूसरा ये कि हम होश संभालें. जब हम खुद टूट जाते हैं तो हम किसी के काम नहीं आते. इसके अलावा करुणा और सेवा का भाव भी जगाना है.”

ज्यादा बीमारी-बीमारी न करें

श्री रविशंकर ने कहा कि आत्मबल के लिए ध्यान, प्राणायाम और मंत्रों का जाप करें. जैसे परीक्षा नजदीक आते ही बच्चे भगवान को याद करते हैं, वैसे ही इस वक्त हम सबको ईश्वर भक्ति को जगाना है. श्री रविशंकर ने कहा कि बीमारी-बीमार न करें, बल्कि इससे हटकर कुछ सकारात्मक बात करें. जो भी समस्या है वो है, लेकिन बातें करने से वो कम नहीं होने वाला है. ऐसी बातें कम करें. बोझिल वातावरण को हल्का करने की कोशिश करें.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

महामारी के अलावा आर्थिक परेशानी से जूझ रहे लोग- अजीम प्रेमजी

अजीम प्रेमजी ने शुरुआत उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हुई की, जिन्होंने कोरोना से अपनी जान गंवा दी. उन्होंने कहा कि हमें सभी फ्रंट पर तेजी से काम करना चाहिए. सभी काम अच्छी साइंस पर बेस्ड होने चाहिए. जो भी काम साइंस पर बेस्ड नहीं होते हैं, उनसे कहीं न कहीं नुकसान होता है. हमें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा दोबारा न हो. हमें अपने सभी मतभेद भुलाकर इसके खिलाफ लड़ना होगा. हम एक साथ होंगे तभी मजबूत रहेंगे. उन्होंने कहा-

“जो भी मौजूदा हालात हैं, वो काफी दिल दुखाने वाले हैं. लेकिन अगर आप गांवों को देखें तो वहां सिर्फ महामारी नहीं है, बल्कि आर्थिक परेशानियां भी हैं, जो लोगों का जीवन मुश्किल कर रही हैं. उनके लिए कदम उठाने की जरूरत है. हमें इस क्राइसिस से बाहर निकलने के बाद ये सोचना चाहिए कि कैसे सोसाइटी को रीस्ट्रक्चर किया जाए. ये सुनिश्चित करना होगा कि हमारे देश में इस तरह की असमानता और अन्याय न हो. मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि आगे आएं और जो कर सकते हैं वो करें.”

हमारे देश में मृत्यु का डर नहीं- निवेदिता रघुनाथ

विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की उपाध्यक्ष निवेदिता रघुनाथ ने इस पॉजिटिविटी सेशन के दौरान कहा कि, हम निश्चित जीतेंगे. क्योंकि ये जो भारत देश है वो साधारण नहीं है. इसने कई संकटों का सामना किया है. जब दूसरी लहर आई तो शुरू में हम लड़खड़ाए, लेकिन अब हम संगठित हो रहे हैं. जो मुश्किलें आती हैं, उनमें अवसर छिपा होता है. उन्होंने आगे कहा-

“हम जानते हैं कि एक न एक दिन हर एक को मृत्यु आने वाली है. हम सामर्थ्य से जिएंगे. और अगर मृत्यु का समय हो ही गया है तो हंसते हुए हम मृत्यु का सामना करेंगे. क्योंकि हमारे देश में मृत्यु का डर नहीं है. जीवन अखंड है, मृत्यु तो सिर्फ जैसे कपड़े बदलते हैं वैसे शरीर को बदलना है.”

हमारे प्रियजन हमसे कोविड के कारण बिछड़ गए हैं, लेकिन ये सिर्फ इस जन्म के लिए है. अगले जन्म में हम उनसे मिलने वाले हैं. हम जितना दुखी रहेंगे, हम उनकी आत्मा को दुखी करने वाले हैं. हमें मृत्यु का डर नहीं है, हम मृत्युंजय हैं. अगर ऐसे आत्मविश्वास से हम इसका सामना करते हैं तो हम जीतेंगे ही.

निवेदिता रघुनाथ ने कहा कि, हमें अपनी प्राणशक्ति को बढ़ाना है. क्योंकि लंग्स पर ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है, इसीलिए हम प्राणायाम करें. उन्होंने कहा कि आज परिवार एक साथ है, रोजाना टीवी पर भय का वातावरण देख रहे हैं. लेकिन टीवी देखने की ज्यादा जरूरत नहीं है. हमारा समय सकारात्मक चीजों में लगाना चाहिए.

बता दें कि “पॉजिटिविटी अनलिमिटेड” और मन की बात में “पावर ऑफ पॉजिटिविटी” की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना भी हुई है. लोगों का कहना है कि सरकार अपने दायित्वों से बचने के लिए प्रोपगेंडा चला रही है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT