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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि देश में हर जाति-धर्म का व्यक्ति हमारा अपना है और संघ सबको हिंदू समाज का अंग मानता है. उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत को मजूबती के साथ खड़ा कराना संघ का यही लक्ष्य है. भागवत ने कहा कि भारत शांति के रास्ते पर तभी चल सकेगा, जब वह दुनिया में ताकतवर होगा. इसलिए देश को समर्थवान बनाना होगा.
संघ के पश्चिम क्षेत्र के प्रचारकों और कार्यकर्ताओं से संवाद के लिए चार दिवसीय मुरादाबाद दौरे पर आए भागवत ने तीसरे दिन एमआईटी सभागार में कहा,
भागवत ने आगे कहा, "स्वामी विवेकानंद कहा करते थे कि दुर्बलता ही पाप है, इसलिए निर्भय हो और शक्ति संपन्न बनों, तभी लोग अच्छी बाते मानते हैं. हम तो भलाई करते ही रहे हैं. आजाद होने के बाद भी शांति के रास्ते पर चलते रहे, लेकिन उस रास्ते पर दुनिया हमें (भारत को) तब चलने देगी जब हमारे पास ताकत आएगी."
मोहन भागवत ने पश्चिम क्षेत्र के प्रचारकों और कार्यकर्ताओं को इस दौरान संघ के दृष्टिकोण से हिंदू की व्यापक परिभाषा भी बताई. उन्होंने कहा,
भागवत ने कहा, "पूर्वजों के गौरव का झंडा लेकर उनके जैसा आचरण करने वाला और सब प्रकार से समाज की सेवा करने वाला हर कोई हिंदू है. चाहे वह किसी भी धर्म-जाति का हो. हम अपने देश की पहचान को नहीं बदल सकते. हम किसी से जाति-धर्म या किसी भी प्रकार से भेद नहीं कर सकते. हमें हिंदू समाज को संगठित कर देश को शक्ति बनाना है." इस दौरान मोहन भागवत ने उन बातों का भी जवाब दिया, जिसमें कहा जाता है कि संघ के पास भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का रिमोट कंट्रोल है। भागवत ने कहा कि "मीडिया कहता है कि हमारे पास किसी का रिमोट कंट्रोल है. हम चुनाव जीतने के लिए काम नहीं करते. हमारा देश आगे बढ़े इसके लिए काम करते हैं. देश को हमें देना है, इससे लेना नहीं है. संघ बिना धन्यवाद की उम्मीद किए काम करता है."
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