advertisement
यूक्रेन (Ukraine) के साथ युद्ध के बीच पहली बार रूस (Russia) ने माना है कि उसे 'भारी नुकसान' हुआ है. रूसी सेना के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने गुरुवार 7 अप्रैल को कहा कि यूक्रेन में रूसी सैनिकों को "अहम नुकसान" का सामना करना पड़ा है.
ब्रिटेन के स्काई न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में, दिमित्री ने कहा कि सैन्य हताहत "हमारे लिए एक बड़ी त्रासदी" थी, हालांकि उन्होंने कितने मरे हैं इस बात की पुष्टि नहीं की.
वहीं यूक्रेन के बूचा में रूस द्वारा नरसंहार किए जाने के सवाल को दिमित्री ने साफ इनकार कर दिया. दिमित्री ने कहा कि हम इस बात से इनकार करते हैं कि रूसी सेना ने बूचा में ऐसा कोई काम किया है. मारे गए यूक्रेनी नागरिकों की तस्वीर रूस को बदनाम करने की एक साजिश है. हम इन तस्वीरों की वैधता से इनकार करते हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने 7 अप्रैल को यूक्रेन में रूसी सैनिकों पर हमला करके "मानव अधिकारों के घोर और व्यवस्थित उल्लंघन और हनन" की रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council) से रूस को निलंबित कर दिया है. UNHRC से रूस को निलंबित करने के लिए अमेरिका ने प्रस्ताव पेश किया था.
ये प्रस्ताव तब पेश किया गया था जब रूस के सैनिकों ने यूक्रेन की राजधानी के आसपास के इलाको में आम नागरिकों को बड़ी तादात में मार डाला.
अमेरिका के इस प्रस्ताव के पक्ष में 93 वोट हुए, जबकि 24 देशों ने वोट ना में किया और 58 देशों ने मतदान नहीं किया. रूस को 47-सदस्यीय परिषद से निलंबित करने के लिए मतदान सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत की जरुरत थी. भारत ने इस बार भी वोटिंग से खुद को अलग रखा और वोट नहीं करने का फैसला किया.
रूस (Russia) और यूक्रेन बीच चल रहे संघर्ष को 43 दिन गुजर गए हैं. इस दौरान यूक्रेन में हजारों बेगुनाह अपनी जान गंवा चुके हैं. दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष का हल निकालने के लिए कई दौर की बातचीत भी हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.
यूक्रेन के प्रोजीक्यूटर जनरल, इरीना वेनेडिक्टोवा ने रविवार, 3 अप्रैल को एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि कीव से 410 नागरिकों की लाशें बरामद की गई हैं. वहीं यूक्रेनी मानवाधिकार लोकपाल ने कहा कि उत्तरी शहर बूचा में एक चर्च द्वारा 150 से 300 शवों को सामूहिक कब्र में दफनाया गया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)