Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019यूक्रेन-रूस विवाद से संकट में गेहूं की सप्लाई, भारत के पास है बड़ा मौका

यूक्रेन-रूस विवाद से संकट में गेहूं की सप्लाई, भारत के पास है बड़ा मौका

मिस्त्र, ईरान, तुर्की और बांग्लादेश अपनी 60 फीसदी गेहूं की सप्लाई के लिए इन दो देशों पर निर्भर हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>गेहूं के संकट पर भारत के पास मौका</p></div>
i

गेहूं के संकट पर भारत के पास मौका

(फोटो: iStock)

advertisement

यूक्रेन में रूस के हमले से जहां एक देश बर्बादी की कगार पर खड़ा है, तो वहीं दुनिया के तमाम देशों में खाद्य सामान को लेकर संकट खड़ा हो गया है. रूस और यू्क्रेन दोनों ही कई खाद्य चीजों के टॉप सप्लायर हैं, लेकिन हमले के बाद से कई चीजों की सप्लाई चेन पर असर पड़ा है. अमेरिका, यूरोप समेत कई देशों ने रूस पर तमाम तरह के प्रतिबंध भी लगाए हैं.

यूक्रेन पर रूस के हमले से जिन चीजों की सप्लाई पर असर पड़ा है, उसमें गेहूं भी है. दुनिया के गेहूं प्रोडक्शन में रूस और यूक्रेन टॉप पांच सप्लायर्स में से एक है.

दोनों के बीच आए इस संकट से गेहूं की कीमतों पर भी संकट आ गया है. वर्ल्ड मार्केट में गेहूं की कीमतें बढ़ गई हैं. द हिंदू बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन पर हमले के बाद से गेहूं की कीमत 50 फीसदी तक बढ़ चुकी है. अफ्रीका और पश्चिमी एशिया के ज्यादातर देश गेहूं, मक्का और खाने वाले तेल के लिए रूस और यूक्रेन की सप्लाई पर निर्भर हैं.

रिपोर्ट में, फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (FAO) के हवाले से बताया गया है कि मिस्त्र, ईरान, तुर्की और बांग्लादेश अपनी 60 फीसदी गेहूं की सप्लाई के लिए इन दो देशों पर निर्भर हैं.

दुनियाभर में गेहूं की बढ़ती मांग और कीमतों का भारत पर क्या असर पड़ेगा? भारत के किसान इससे कैसे प्रभावित होंगे? भारत के लिए दरअसल ये समय है अपने गेहूं को दुनिया तक पहुंचाने का.

भारत के पास अपना गेहूं दुनिया तक पहुंचाने का मौका

चीन के बाद, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं का प्रोड्यूसर है. रूस और यूक्रेन की सप्लाई दुनिया को नहीं मिलने पर भारत के पास अपना गेहूं दुनिया के पास भेजने का मौका है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में गेहूं का नया टॉप एक्सपोर्टर बनने के लिए भारत ने तैयारी भी कर ली है. सरकारी सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सरकार अगले दो हफ्तों में इसपर काम शुरू करेगी. इसमें एक्सपोर्ट के लिए गेहूं की क्वालिटी का टेस्ट करना, ट्रांसपोर्ट के लिए रेल वैगन मुहैया कराना और पोर्ट पर गेहूं एक्सपोर्ट को प्राथमिकता देना शामिल है.

गेहूं के स्टॉक के बावजूद, लॉजिस्टिकल बाधाओं और क्वालिटी संबंधी चिंताओं ने पहले गेहूं के एक्सपोर्ट के सपने में रुकावट का काम किया है.

हालांकि, भारत गेहूं एक्सपोर्ट करने के मामले में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. पिछले साल भारत ने 6.12 मिलियन टन गेहूं एक्सपोर्ट किया. ये उससे पिछले साल (1.12 मिलियन टन) से कई गुना ज्यादा था. अब भारत के पास मौका है कि वो एक्सपोर्ट के आंकड़ों को और आगे ले जाए.

रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने गेहूं की क्वालिटी चेक करने के लिए सरकार से अप्रूव हुई 213 लैब्स को काम पर रखा है और क्वालिटी मॉनिटर करने का काम राज्यों के क्वालिटी ब्यूरो को दिया है.

अगर ऐसा होता है तो भारतीय किसानों के पास अपना गेहूं न सिर्फ दुनिया को परोसने का मौका होगा, बल्कि इससे वो सरकारी खर्च भी बचेगा, जो सरकार किसानों को सपोर्ट करने के लिए गेहूं खरीदने पर करती है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT