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दो दिन की भारत यात्रा पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार शाम स्वदेश लौट गए. उनकी मौजूदगी में भारत को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति के लिए पांच अरब डॉलर की डील फाइनल हुई. इस दौरे के दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आधिकारिक बातचीत की. उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की.
इससे पहले पुतिन 19वें भारत-रूस समिट के लिए गुरूवार शाम दिल्ली पहुंचे थे. हवाई अड्डे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनका स्वागत किया था.
मॉस्को लंबी दूरी की जमीन से हवा में प्रहार करने वाली एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की बिक्री के लिए कई महीने से भारत से बातचीत कर रहा है. हालांकि अमेरिका यह नहीं चाहता कि भारत रूस से ये डील करे.
पिछले महीने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत-रूस इंटर-गवर्नमेंटल कमीशन ऑन टेक्निकल इकनॉमिक को-ऑपरेशन (आईआरआईजीसी-टेक) की 23वीं बैठक में हिस्सा लेने के लिए रूस के दौरे पर गई थीं. इसमें पुतिन के भारत दौरे की तैयारी पर बातचीत की गई थी. भारत और रूस ने 2025 तक 50 अरब डॉलर का दोतरफा इंवेस्टमेंट करने का लक्ष्य रखा है.
भारत और रूस के बीच पिछले साल द्विपक्षीय सालाना शिखर वार्ता एक जून 2017 को पीएम मोदी के रूस दौरे के दौरान हुई थी.
रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ 19वीं द्विपक्षीय वार्षिक शिखर बैठक में शिरकत करेंगे. मोदी के साथ बातचीत करने के अलावा रूसी नेता पुतिन शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी बैठक करेंगे. साथ ही वह प्रतिभाशाली बच्चों के एक समूह के साथ भी बातचीत करेंगे और भारत-रूस व्यापार बैठक को संबोधित करेंगे.
पुतिन के भारत पहुंचने के बीच रूसी समाचार एजेंसी तास ने खबर दी है कि शुक्रवार को कई द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. इनमें भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली देने के लिए पांच अरब डॉलर का करार शामिल है. हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौतों से रक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार, ऊर्जा और पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. लेकिन मुख्य ध्यान एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे पर होगा क्योंकि यदि इस पर हस्ताक्षर किए गए तो इससे रूस से हथियारों की खरीद पर अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन हो सकता है.
भारत ने संकेत दिए हैं कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद वह करार की दिशा में आगे बढ़ेगा. भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए. रूस भारत के प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से एक रहा है. सूत्रों ने पहले कहा था कि मोदी और पुतिन ईरान से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभाव पर भी विचार करेंगे.
रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच बैठक शुरू हो गई है.
भारत और रूस के बीच अंतरिक्ष में सहयोग को लेकर समझौता हुआ है. इस समझौते के तहत भारत साइबेरिया के शहर नोवोसबिरस्क में मॉनिटरिंग स्टेशन बनाएगा.
रूसी राष्टपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने कहाः
रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के लंबी बातचीत के बाद शुक्रवार को लगभग 40 हजार करोड़ रुपये के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम सौदे पर दस्तख्त कर दिए गए. दोनों ने इसके अलावा आठ और समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए. इनमें मानव को अंतरिक्ष में भेजने से जुड़े गगनयान प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर शामिल है. दोनों ने अमेरिकी चेतावनी के बावजूद डिफेंस सौदे पर दस्तख्त किए हैं.
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