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कतर (Qatar Death Penalty) में गिरफ्तार हुए आठ भारतीय नागरिकों को हाल ही में फांसी की सजा सुनाई गई थी. ये आठ भारतीय नेवी के रिटायर्ड अधिकारी हैं और पिछले साल सितंबर से ही कतर की जेल में बंद हैं. कतर ने उन पर लगे आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है. अब, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गिरफ्तार हुए आठ भारतीय नागरिकों के परिवार से मुलाकात की.
30 अक्टूबर की सुबह ट्वीट कर कहा, ''कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों के परिवारों से आज सुबह मुलाकात की. सरकार इस मामले को सर्वोच्च महत्व के साथ देख रही है. परिवारों की चिंताओं और दर्द में सरकार साथ है.''
विदेश मंत्री ने लिखा- ''सरकार इन नागरिकों की सुरक्षित रिहाई के लिए लगातार कोशिश करती रहेगी. इस बारे में परिवारों के साथ हम संपर्क बनाए रखेंगे.''
सितंबर 2022 में कतर सरकार ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को गिरफ्तार किया था. रिपोर्ट के अनुसार, मार्च में इन पर जासूसी के आरोप तय किए गए थे.
गिरफ्तार पूर्व नौसैनिक अधिकारियों की पहचान कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश के रूप में हुई है.
ये सभी पूर्व अधिकारी कतर की डहरा ग्लोबल नाम की कंपनी में काम करते थे. ये कंपनी सबमरीन प्रोग्राम में कतर की नौसेना के लिए काम कर रही थी. इस प्रोग्राम का मकसद रडार से बचने वाले हाईटेक इतालवी तकनीक पर आधारित सबमरीन हासिल करना था.
कंपनी में 75 भारतीय नागरिक कर्मचारी थे. इनमें से अधिकांश भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी थे. मई में कंपनी ने कहा था कि वो 31 मई 2022 से कंपनी बंद करने जा रही है.
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