Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019दिल्ली से सबकी पहचान कराने वालीं सादिया देहलवी नहीं रहीं

दिल्ली से सबकी पहचान कराने वालीं सादिया देहलवी नहीं रहीं

एक लेखक और फिल्ममेकर के तौर पर सादिया की जितनी पहचान थी, उतना ही सम्मान कलीनरी फील्ड में उनकी जानकारी को लेकर था.

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
खुशवंत सिंह की किताब ‘मेन एंड विमेन इन माई लाइफ’ के कवर पर सादिया की भी फोटो थी
i
खुशवंत सिंह की किताब ‘मेन एंड विमेन इन माई लाइफ’ के कवर पर सादिया की भी फोटो थी
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

दिल्ली की जानी-मानीं लेखक, एक्टिविस्ट, फिल्ममेकर और कॉलमनिस्ट सादिया देहलवी 5 अगस्त को कैंसर से लंबी लड़ाई हार गईं. 63 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. दिल्ली के कल्चर में एक बड़ा नाम, सादिया देहलवी ने अपनी किताबों, फिल्मों और खाने को लेकर जानकारी से दिल्ली को अलग पहचान दी. दिल से खुद को सूफी मानने वालीं सादिया ने इसपर किताबें भी लिखी हैं.

इतिहासकार इरफान हबीब ने सादिया के निधन पर लिखा, “दिल्ली की एक जानी-मानीं शख्सियत, एक खास दोस्त और एक शानदार इंसान, सादिया देहलवी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ.”

देहलवी का परिवार 17वीं शताब्दी में दिल्ली आया था. सरदार पटेल मार्ग पर शमा कोठी में उनका बचपन बीता. उनके दादा, हाफिज युसूफ देहली ने 1938 में उर्दू मैगजीन शमा की शुरुआत की थी. इसके बाद सुषमा नाम से भी एक मैगजीन आई, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया.

सादिया ने 'द सूफी कोर्टयार्ड', 2009 में 'सुफीज्म: द हार्ट ऑफ इस्लाम' और 2017 में 'जैसमीन एंड जिनन्स: मेमोरीज एंड रेसिपीज ऑफ माय दिल्ली' किताबें लिखीं. सूफी पर अपनी किताबों में सादिया ने न केवल दिल्ली के सूफी इतिहास के बारे में बताया, बल्कि ये भी बताया कि कैसे सूफी विचारधारा जिंदगी जीने का एक जरिया है.

उन्होंने 'अम्मा एंड फैमिली', और 'नॉट अ नाइस मैन टू' नो जैसे टीवी सीरियल भी प्रोड्यूस और स्क्रिप्ट किए. 'अम्मा एंड फैमिली' में जहां जोहरा सहगल ने काम किया, तो वहीं 'नॉट अ नाइस मैन टू नो' खुशवंत सिंह की किताब पर आधारित था, वो किताब जो लेखक ने सादिया के नाम की थी.

खुशवंत सिंह की किताब ‘विमेन एंड मेन इन माई लाइफ’ के कवर पर सादिया की भी फोटो थी. उन्होंने अपनी इस किताब में एक चैप्टर भी सादिया के नाम लिखा था.

एक लेखक और फिल्ममेकर के तौर पर सादिया की जितनी पहचान थी, उतना ही सम्मान कलीनरी फील्ड में उनकी जानकारी को लेकर था.

देखिए उनके घर पर 2017 में हुई ये इफ्तार पार्टी:

अपनी किताब 'जैसमीन एंड जिनन्स: मेमोरीज एंड रेसिपीज ऑफ माय दिल्ली' में सादिया ने अपनी इन यादों को बड़े अच्छे से सहेजा है. दिल्ली और अपने परिवार की सीक्रेट रेसिपी के साथ-साथ, सादिया ने इस किताब में बताया कि कैसे उन्होंने परिवार से वो तहजीब और तरजीब सीखी, जिसके लिए दिल्ली मशहूर है.

सादिया के निधन से हर दिल्लीवाले की आंखें नम हैं. दिल्ली की मशहूर हजरत निजामुद्दीन दरगाह, ये जगह सादिया के दिल के बेहद करीब थी और वो अक्सर वहां जाती थीं, ने ट्विटर पर लिखा, "वो हजरत निजामुद्दीन ऑलिया की मुरीद थीं. उनकी मगफिरत के लिए दुआ करें."

कॉलमनिस्ट राणा सफवी समेत कई लोगों ने सादिया देहलवी के निधन पर दुख जताया है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 06 Aug 2020,08:52 AM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT