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बदले की भावना किस तरह लोगों के दिलो दिमाग पर हावी हो जाता है, जिसका एक उदाहरण दिल्ली में हुई साक्षी की हत्या (Sakshi Murder Case) है. मोहम्मद साहिल खान (Mohammad Sahil Khan) ने दावा किया है कि वह 16 वर्षीय साक्षी से प्यार करता था, लेकिन उसका पूर्व प्रेमी प्रवीण उसकी जिंदगी में फिर से आ गया. पुलिस को दिए बयान में साहिल ने बताया कि इसी कारण उसके मन में असुरक्षा की भावना बढ़ने लगी जिसके कारण दोनों में अक्सर बहस भी हो जाती थी.
रिश्तों में मनमुटाव आने के बाद साक्षी ने खुद को साहिल से दूर करना शुरू कर दिया. साहिल ने जांचकर्ताओं के सामने खुलासा किया कि साक्षी ने मुझे इग्नोर करना शुरू कर दी थी, जिस वजह से गुस्से में उसकी हत्या कर दी. ज्ञात हो कि साहिल ने 28 मई को दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके में साक्षी की बेरहमी से हत्या कर दी. वहीं पुलिस ने अगले दिन (29 मई) साहिल को यूपी के बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया.
साहिल के द्वारा की गई साक्षी की हत्या का सीसीटीवी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. जिसमें साहिल को साक्षी पर चाकू से हमला करते हुए दिखाया गया. इतना ही नहीं आरोपी ने बड़े पत्थर से कई बार वार करके उसे कुचल दिया था. वारदात के समय मौके पर कई लोग मौजूद थे. जब एक व्यक्ति साक्षी को बचाने के लिए आगे आया तो उसने उसे धक्का दे दिया. इसके बाद साक्षी को बचाने के लिए कोई आगे नहीं आया. साहिल घटना को अंजाम देने के बाद वहां से चला गया था.
इसके अलावा दिल्ली में एक और दर्दनाक घटना घटित हुई थी. आफताब अमीन पूनावाला और श्रद्धा वालकर साल 2018 से रिलेशनशिप में थे. आफताब अमीन पूनावाला ने 18 मई, 2022 को दिल्ली के महरौली इलाके में श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी और फिर आफताब ने श्रद्धा के शरीर के कई टुकड़े कर दिए. अपराध के छह महीने बाद गिरफ्तार होने से पहले आफताब ने श्रद्धा के शरीर के कई हिस्सों को अलग-अलग जगहों पर ठिकाने लगाया था.
दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में थे और 8 मई, 2022 को दिल्ली आए थे. वे पहाड़गंज के एक होटल में सात दिनों तक रहे और फिर श्रद्धा की हत्या के ठीक तीन दिन पहले 15 मई को किराए के मकान में शिफ्ट हुए थे.
जांचकर्ताओं ने कहा कि जुनून के ऐसे अपराधों में, हत्यारा कम से कम एक महीने तक व्यथित रहता है और उसके बाद ही सामान्य स्थिति में वापस आना शुरू होता है. हालांकि, यह उल्लेखनीय है कि आफताब ने अपने अपराध के सबूत को मिटाने के लिए महीनों तक काम किया.
सरल शब्दों में जुनून का अपराध, फ्रांसीसी अभिव्यक्ति 'अपराध जुनून' से लिया गया है.
1995 के कुख्यात 'तंदूर मर्डर' केस में तत्कालीन यूथ कांग्रेस नेता सुशील शर्मा ने दिल्ली में अपनी साथी नैना साहनी को अफेयर के शक में गोली मार दी थी. फिर उसने उसके शरीर को कई टुकड़ों में काट दिया था और उसके दोस्त द्वारा प्रबंधित एक रेस्तरां की छत पर एक तंदूर में शरीर के अंगों को जलाने की कोशिश की थी.
यह एक ऐतिहासिक मामला था, जिसमें आरोपी के अपराध को साबित करने के लिए सबूत के तौर पर डीएनए टेस्ट और दोबारा पोस्टमार्ट किया गया था. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में आरोपी सुशील को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
इसके अलावा साल 2003 में एक नवोदित कवयित्री मधुमिता शुक्ला की उनके घर पर हत्या कर दी गई थी. राजनेता अमरमणि त्रिपाठी की पत्नी मधुमणि त्रिपाठी, जिन्होंने अपने पति के साथ शुक्ला की भागीदारी को नापसंद किया था, ने हत्या की साजिश रची थी. अदलात ने साजिशकर्ता और हत्यारों दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
जुनून के अपराध की एक और घटना में, 7 मई 2008 को टीवी प्रोडक्शन फर्म सिनर्जी एडलैब्स की एक वरिष्ठ कार्यकारी नीरज ग्रोवर की मारिया सुसाईराज के अपार्टमेंट में कथित रूप से उनके मंगेतर एमिल जेरोम मैथ्यू ने चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी.
इसके बाद आरोपी मारिया और जेरोम ने शव के कई टुकड़े किए और उन्हें दो थैलों में भरकर ठाणे के मनोर जंगल में जलाने के लिए ले गए. मुंबई सत्र न्यायालय ने मामले में मारिया को तीन साल कैद और जेरोम को 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी.
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