Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019CBI Vs प. बंगाल सरकारः सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की 10 बड़ी बातें

CBI Vs प. बंगाल सरकारः सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की 10 बड़ी बातें

सुप्रीम कोर्ट ने CBI की ओर से दाखिल की गई सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट को बेहद गंभीर बताया है

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
सुप्रीम कोर्ट
i
सुप्रीम कोर्ट
(फोटोः PTI)

advertisement

सीबीआई बनाम पश्चिम बंगाल सरकार मामले में सुनवाई करते हुई सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ के आधार पर सीबीआई की ओर से दाखिल की गई सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट को बेहद गंभीर बताया है.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान ये कहते हुए सीबीआई को निर्देश दिया है कि वो सात दिन के भीतर एक अलग से अर्जी दाखिल करे.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ?

  1. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई से कहा, 'हमने स्टेटस रिपोर्ट देखी है. आपने (सीबीआई) स्टेटस रिपोर्ट में अपील की है. अगर आप इसे अलग अर्जी बनाना चाहते हैं और स्टेटस रिपोर्टी की कुछ सामग्री हमें देना चाहते हैं तो दे सकते हैं. लेकिन यह बहुत गंभीर है तो हम उन्हें (राजीव कुमार) को मौका दिए बिना अपने आप कोई कोई कार्रवाई नहीं कर सकते."
  2. कोर्ट ने कहा कि सात दिनों में सीबीआई की अर्जी दाखिल होने के 10 दिनों के भीतर राजीव कुमार इस पर अपना जवाब दाखिल करेंगे. हम दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपों और जवाबी आरोपों का निर्धारण करेंगे.
  3. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के उस अनुरोध को ठुकरा दिया, जिसमें राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना कार्यवाही को खत्म करने को कहा गया था.
  4. चीफ जस्टिस ने कहा, 'अवमानना पर विचार करते समय अगर कुछ गंभीर बातें हमारे संज्ञान में आती हैं और हमें लगता है कि उन पर कार्रवाई करनी चाहिए तो क्या हमें अपनी आंखें बंद कर लेनी चाहिए?'
  5. इससे पहले 27 फरवरी को कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर को उन आरोपों पर दो हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल कर तथ्य पेश करने को कहा था. इन आरोपों में कहा गया था कि कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार ने सीबीआई को सौंपने से पहले शारदा चिटफंड घोटाले के कॉल रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की थी.
  6. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि अगर ये सच है कि राजीव कुमार की एसआईटी ने जुटाए गए कॉल डेटा रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की है तो ये गंभीर आरोप है और ये कानून से छेड़छाड़ का मामला है.
  7. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच को बताया था कि सीबीआई को पता चला है कि राजीव कुमार की अगुवाई वाली एसआईटी ने सीडीआर से जिन रिकॉर्ड्स को मिटाया, उनमें महत्वपूर्ण व्यक्तियों से संबंधित फोन नंबर हैं. उन्होंने कोर्ट को ये भी बताया कि सीबीआई ने राजीव कुमार की ओर से दिए गए कॉल डेटा रिकॉर्ड का मिलान सर्विस प्रोवाइडर के डेटा से की है.
  8. पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए सीबीआई के उन आरोपों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने शारदा चिटफंड घोटाला मामलों की जांच में बाधा डाली है.
  9. राज्य के मुख्य सचिव मलय कुमार डे, डीजीपी वीरेंद्र कुमार और कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग हलफनामे दायर करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य पुलिस ने किसी भी जांच में बाधा नहीं डाली और ना ही किसी अधिकारी ने सीबीआई को सहयोग से इनकार किया.
  10. अधिकारियों ने ये भी दावा किया कि कोई भी पुलिस अधिकारी उस धरना मंच पर नहीं गया, जहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई कार्रवाई के विरोध में बैठी थीं. डीजीपी ने कहा कि कोई भी पुलिस अधिकारी वर्दी में या किसी भी समय पर कभी भी बनर्जी के साथ धरने में शामिल नहीं हुआ. मौजूद अधिकारी सिर्फ मुख्यमंत्री की सुरक्षा कर रहे थे, जिन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT