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सॉस और साजिश- बेंगलुरू में पति की हत्या की साजिश पत्नी को कैसे पड़ी उलटी?

जिस मामले के बारे में हम आज बता रहे हैं, उसे सुनकर आप लोग हैरत में पड़ जाएंगे

मेखला सरन
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>सॉस और साजिश- बेंगलुरू में हत्या की साजिश कैसे पड़ी उलटी</p></div>
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सॉस और साजिश- बेंगलुरू में हत्या की साजिश कैसे पड़ी उलटी

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(अगर आपको सुसाइडल महसूस हो रहा हो, या किसी ऐसे व्यक्ति से वाकिफ हैं जो परेशान है तो उसके प्रति करुणा दिखाइए और स्थानीय इमरजेंसी सेवाओं, हेल्पलाइन्स और मेंटल हेल्थ एनजीओ को इन नंबरों पर कॉल कीजिए.)

"सतर्क रहे... सुरक्षित रहे," अनूप सोनी ने टीवी स्क्रीन्स (क्राइम पेट्रोल के कई एपिसोड्स) के जरिए हमें बार-बार यह हिदायत दी है. और फिर भी, समय-समय पर पुलिस की फाइलों से कोई न कोई ऐसा मामला सामने आता है, जो हमारे दिल को झकझोर देता है. जिस मामले के बारे में हम आज बता रहे हैं, उसे सुनकर आप लोग हैरत में पड़ जाएंगे:

तमाम अजीब अपराधों की कड़ी में यह नया मामला बेंगलुरू का है जिसमें एक औरत ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति को मारने की योजना बनाई लेकिन पासा एकदम पलट गया.

प्लॉट

शुरुआत में सब कुछ योजना के मुताबिक हो रहा था (कथित रूप से): औरत और उसके प्रेमी ने कॉन्ट्रैक्ट किलर्स को इस काम का जिम्मा सौंपा और उन्हें एडवांस मे 90,000 रुपए दिए. तीन में से दो कॉन्ट्रैक्ट किलर्स ने तमिलनाडु जाने के लिए प्रेमी की कैब भाड़े पर ली जहां उन्हें तीसरा कॉन्ट्रैक्ट मिला. फिर तीनों ने पति को अगवा किया और उसे एक घर में रखा. यहां उन्हें पति की हत्या करनी थी.

सीधी सी बात थी, है ना?

लेकिन दया कुछ तो गड़बड़ है- शायद औरत और उसके प्रेमी को ऐसा ही लगा. इसलिए उन्होंने उन तीनों कॉन्ट्रैक्ट किलर्स से कहा कि वे जुर्म के सबूत के तौर पर मृत पति की फोटो भेजें.लेकिन पति ने जुर्म का मुंह तोड़ जवाब दे दिया...

कहानी में ट्विस्ट

और अपने अपहरणकर्ताओं से दोस्ती कर ली. तो हुआ कुछ यूं कि सारी चाल उलट-पुलट गई. या जैसा कि खलनायक अजीत कहा करते थे- डबल क्रॉस! नए नवेले चारों दोस्तों (पति और तीन अपहरणकर्ता) ने पति के शरीर पर टोमैटो सॉस पोत दिया और उसकी की फोटो खींचकर, फेक सबूत के तौर पर भेज दी कि उन्होंने काम निपटा दिया है. लेकिन तभी कहानी में एक ऐसा ट्विस्ट आया जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी.

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और ट्रेजिडी हो गई

प्रेमी जिसने इस साजिश में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था, अब डर गया. उसे ‘सॉस वाली तस्वीर’ को देखकर यकीन हो गया कि उसकी प्रेमिका का पति मर गया है और वह इस बात से घबरा गया कि अगर वह पकड़ा गया तो उसे जेल हो जाएगी. इस खौफ में उसने अपनी जान ले ली.

दूसरी तरफ पति कुछ दिनों बाद घर वापस लौट आया. लगता है कि उसने अनूप सोनी की सलाह नहीं मानी और न ही सतर्क रहना कबूल किया. इसकी बजाय उसने कथित तौर पर पुलिस से कहा कि उसकी बीवी को छोड़ दें क्योंकि वह अब भी उससे प्यार करता है. लेकिन पुलिस तो पुलिस ही होती है, उसने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

कानून क्या कहता है

तो बीवी को किस आरोप में गिरफ्तार किया गया?

क्रिमिनल लॉ एक्सपर्ट श्रेय शरावत ने द क्विंट से कहा कि कि न्यूज रिपोर्ट्स में मौजूद तथ्यों के अनुसार, पत्नी पर आपराधिक साजिश रचने (120बी आईपीसी), हत्या के लिए अपहरण (364 आईपीसी) और उपरोक्त अपराध को करने के लिए उकसाने के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है. चूंकि वह “कथित तौर पर कॉन्ट्रैक्ट किलर्स के साथ आपराधिक साजिश में शामिल थी. इन कॉन्ट्रैक्ट किलर्स ने उसके कहने पर उसके पति को अगवा किया था और उसे गलत तरीके से रोककर रखा था.”

और अपहरणकर्ताओं का क्या?

शरावत ने द क्विंट से कहा, "तीनों कॉन्ट्रैक्ट किलर्स के खिलाफ अपहरण (364 आईपीसी) और गलत तरीके से रोकने (341 आईपीसी) के लिए मामला दर्ज किया जा सकता है."

लेकिन यह भी तो सच है कि वे तीनों अब पति के दोस्त हैं?

शरावत ने कहा, "पति और आरोपी के बीच दोस्ती तब हुई जब पति के शरीर के साथ अपराध पूरे हो गए और इसलिए बाद की दोस्ती का कोई महत्व नहीं है."

हालांकि प्रेमी की मौत सुसाइड से हो गई. क्या किसी पर सुसाइड के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जा सकता है?

नहीं. इस मामले में किसी पर भी सुसाइड के लिए उकसाने का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि सुसाइड के लिए जाहिर तौर पर कोई साजिश नहीं थी.

शरावत ने द क्विंट को आगे बताया, "मीडिया रिपोर्ट्स में बताए गए तथ्यों से भारतीय दंड संहिता की धारा 107 (उकसाने) के तत्व गायब हैं."

"किसी व्यक्ति पर सुसाइड के लिए उकसाने का मामला दर्ज करने के लिए आरोपी के कृत्य और कथित सुसाइड के बीच एक लाइव लिंक होना चाहिए. इसके अलावा सुसाइड के लिए उकसाने, साजिश और जानबूझकर मदद करने वाले तत्व भी होने चाहिए. "
श्रेय शरावत, क्रिमिनल लॉ एक्सपर्ट

"चूंकि जानबूझकर कोई मदद नहीं की गई, उकसाया नहीं गया, खुल्लमखुला कोई काम नहीं किया गया और न ही पति और कॉन्ट्रैक्ट किलर्स ने मिलकर कोई साजिश रची ताकि यह पक्का किया जा सके कि प्रेमी की सुसाइड से मौत हो जाए. इसलिए उनमें से किसी के लिए किसी भी मेन्स री, यानी आपराधिक दिमाग को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, "शरावत ने कहा.

आसान शब्दों में कहें तो यह किसी की मंशा नहीं थी कि प्रेमी की सुसाइड से मौत हो जाए और उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया जो उसे ऐसा करने के लिए उकसाता.

"आदमी डर गया और सुसाइड से उसकी मौत हो गई, लेकिन उसकी वजह यह नहीं थी कि उसे जानबूझकर ऐसा करने के लिए उकसाया गया था."

अपराध के नतीजे

किसी भी मामले में, और एक गंभीर टिप्पणी के साथ, एक अपराध कई त्रासदियों को जन्म देता है.

इन सबके बीच एक शख्स की जान चली गई.

पति अपहरणकर्ताओं और आपराधिक साजिश से बच तो गया लेकिन इससे यह सच्चाई नहीं बदल जाती कि उसके साथ विश्वासघात हुआ, और उसने उस धोखे को झेला.

इसके अलावा उसकी बीवी अब जेल में है- एक ऐसी जगह जहां जाहिर तौर पर वह उसे भेजना नहीं चाहता था. आखिर में, कॉन्ट्रैक्ट किलर्स की बात! उनका दिल भले पसीज गया हो लेकिन अपहरण और गलत तरीके से रोकने जैसे प्रावधानों के तहत उन पर आरोप लगाए जाएंगे और इस बात की पूरी उम्मीद है कि उनका काफी समय जेल में कटेगा.

(द इंडियन एक्सप्रेस के इनपुट्स के साथ)

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