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पाकिस्तान के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के बाद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान मंगलवार को दो दिन के दौरे पर भारत आ रहे हैं. पुलवामा हमले के बाद उनके इस दौरे पर आतंकवाद को लेकर सऊदी अरब के रुख पर खास निगाहें रहेंगी. देखना होगा कि मोहम्मद बिन सलमान इस मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ कुछ बोलते हैं या नहीं.
मोहम्मद बिन सलमान 19 फरवरी को भारत पहुंचेंगे. सूत्रों के मुताबिक, उनकी इस यात्रा के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच 5 MoU साइन हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा. इसके साथ ही दोनों देश जल्द ही जॉइंट नेवल एक्सर्साइज भी करेंगे.
इसके अलावा मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा के दौरान तेल कंपनी सऊदी Aramco और ADNOC के रत्नागिरी रिफाइनरी प्रोजेक्ट में 44 बिलियन डॉलर के निवेश पर भी बातचीत हो सकती है.
आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले कुछ सालों में सऊदी अरब के रुख में बड़ा बदलाव आया है. सऊदी अरब अब इन मामलों पर पाकिस्तान की दलीलों को स्वीकार नहीं कर रहा. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह बात कही है.
भले ही आतंकवाद के मुद्दे पर सऊदी अरब के पाकिस्तान के खिलाफ कड़े रुख की बात कही जा रही है. मगर सऊदी अरब ने कई क्षेत्रों में पाकिस्तान के साथ अपने सहयोग को बढ़ाया है.
सऊदी क्राउन प्रिंस रविवार को दो दिन की यात्रा के लिए पाकिस्तान पहुंचे. वहां उन्होंने पाकिस्तान के साथ 20 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए. इन समझौतों में रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों में निवेश के अवसरों की खोज, खेल के क्षेत्र में सहयोग, सऊदी माल के आयात के लिए फंडिंग, बिजली उत्पादन के प्रोजेक्ट और नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट का विकास शामिल है.
पाकिस्तान में सऊदी अरब के 20 बिलियन डॉलर के समझौतों पर जानकारों का मानना है कि सऊदी अरब में पाकिस्तान का निवेश बेलआउट है. इस निवेश की तुलना सऊदी अरब और भारत के बीच समझौतों से नहीं की जा सकती. सऊदी अरब ने भारत को 8वां रणनीतिक साझेदार माना है.
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