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दिल्ली (Delhi) के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल सरकार में दो मंत्री पद खाली हैं. सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए AAP विधायक आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज का नाम उपराज्यपाल के पास भेजा है.
41 वर्षीय आतिशी मार्लेना दिल्ली की कालकाजी सीट से आम आदमी पार्टी की विधायक हैं. वह जुलाई 2015 से अप्रैल 2018 तक पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सलाहकार रह चुकी हैं. लेकिन 2018 में उन्होंने पद इस्तीफा दे दिया था. उस वक्त गृह मंत्रालय ने कहा था कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना 10 सलाहकारों की नियुक्तियां की गईं है.
आतिशी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आए बदलाव को लेकर चर्चा में आई थी. माना जाता है कि आज जिस "शिक्षा मॉडल" की चर्चा दिल्ली सरकार पूरे दुनिया में कर रही उसमें सबसे बड़ा हाथ आतिशी का ही. उनके सलाह पर ही शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आमूल-चूल परिवर्तन किया. आतिशी ने ही "हैप्पीनेस करिकुलम" की शुरुआत की थी.
आतिशी की पढ़ाई दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल में हुई है. उन्होंने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बैचलर डिग्री हासिल की. यहां उन्होंने टॉप किया था. जिसके बाद उन्होंने रोड्स स्कॉलशिप लेकर ऑक्सफोर्ड से मास्टर्स किया. इसके बाद वह ऑक्सफोर्ड गई और 2003 में शेवनिंग स्कॉलरशिप पर इतिहास में मास्टर डिग्री पूरी की.
2005 में वह रोड्स स्कॉलर के रूप में मैग्डलेन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड गई. आतिशी ने कुछ समय आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में पढ़ाया. उन्होंने कुछ समय के लिए NGO संभावना इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी के साथ भी काम किया.
आतिशी ने 2019 में पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी नेता और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था लेकिन वह हार गई थी. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, आतिशी को शिक्षा, श्रम और पर्यटन जैसे विभाग दिए जा सकते हैं.
43 वर्षीय AAP विधायक सौरभ भारद्वाज दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से विधायक हैं और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता हैं. वह दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. 2020 में तीसरी बार विधायक चुने गए भारद्वाज, जब दिल्ली में पहली बार 2013-14 में AAP की 49 दिनों की सरकार बनी थी तो उस वक्त भी कैबिनेट मंत्री बनें थे. दिल्ली में पले-बढ़े सौरभ भारद्वाज कंप्यूटर इंजीनियर हैं और उस्मानिया विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की पढ़ाई की है.
भारद्वाज मई, 2017 में उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने EVM जैसी दिखने वाली मशीन को हैक करने का दावा किया.चुनाव आयोग ने बाद में दावा किया कि वह ऐसी किसी भी मशीन की जिम्मेदारी नहीं ले सकता जो उसकी अपनी सुरक्षा व्यवस्था के तहत नहीं है और भारद्वाज द्वारा हैकिंग के प्रयास को खारिज कर दिया.
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