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सुप्रीम कोर्ट ने तहलका मैगजीन के पूर्व एडिटर और पत्रकार तरुण तेजपाल की याचिका खारिज कर दी है. तरुण तेजपाल ने सुप्रीम कोर्ट में खुद पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताते हुए गोवा लोकल कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए यौन उत्पीड़न के इस केस के ट्रायल को 6 महीने में खत्म करने का भी निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही तरुण तेजपाल की याचिका पर सुनवाई की थी. जिसके बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था. जज अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश सुरक्षित रखते हुए तेजपाल से पूछा था कि अगर वह दावा करते हैं कि यौन शोषण का आरोप सही नहीं है, तो उन्होंने अपनी पूर्व सहयोगी से माफी क्यों मांगी. आखिर क्यों उन्होंने उसे माफीनामा भेजा? इस दौरान तेजपाल के वकील ने कहा था कि दुष्कर्म का आरोप झूठा और निराधार है.
तरुण तेजपाल पर अपनी महिला सहकर्मी के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था. 2013 में गोवा में तरुण तेजपाल ने एक समिट का आयोजन करवाया था. इसी समिट थिंकफेस्ट के दौरान एक पूर्व जूनियर महिला सहकर्मी ने तेजपाल पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. महिला ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया था कि तेजपाल ने उन्हें जबरन छूने की कोशिश की. सहकर्मी के इन आरोपों के बाद तेजपाल को गिरफ्तार किया गया था.
बता दें कि गोवा की एक लोकल कोर्ट में तरुण तेजपाल पर मामला चल रहा है. इस मामले पर कई बार तेजपाल और उनकी सहकर्मी के बयान दर्ज किए जा चुके हैं. तेजपाल ने दुष्कर्म और गलत तरीके से पेश आने के आरोपों के बाद ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
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