दावा
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच, न्यूज एजेंसी ANI की 8 अप्रैल को एक रिपोर्ट में कहा गया कि मध्य प्रदेश के खरगोन में 28 मार्च को COVID-19 से एक शख्स की मौत हो गई.
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, शख्स के परिवार में 8 अन्य लोग भी COVID-19 पॉजिटिव आए थे. शख्स दिल्ली में तबलीगी जमात में शामिल हुआ था, जिसे अब कोरोना वायरस हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया है. शख्स से ही परिवार में बाकी लोगों को संक्रमण हुआ.किया
द क्विंट ने मरीज की पहचान छिपाने का फैसला किया है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने भी ANI की रिपोर्ट के आधार पर एक रिपोर्ट पब्लिश की, जिसमें लिखा गया था कि शख्स की मौत हो गई है.
रिपब्लिक भारत ने भी यही रिपोर्ट चलाई.
सच या झूठ?
ANI और रिपब्लिक का ये दावा कि शख्स ने अपनी यात्रा की जानकारी छिपाई और उसकी मौत कोरोना वायरस से हुई, गलत है. कोरोना पॉजिटिव शख्स का इंदौर के महाराजा अस्पताल में इलाज चल रहा था. खरगोन लौटने के बाद उसने अपना टेस्ट कराया था. दो बार नेगेटिव टेस्ट आने के बाद अब उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है.
हमें जांच में क्या मिला?
हमें परिवार के एक सदस्य का लिखा हुआ एक लेटर मिला, जिसमें इस दावे को खारिज किया गया है कि शख्स की मौत हो गई है, और लेटर में ये भी लिखा है कि उसने प्रशासन को जानकारी दी थी. हम इन दावों की सच्चाई दो हिस्सों में बताएंगे.
क्या कोरोना वायरस से हुई शख्स की मौत?
द क्विंट ने मरीज के रिश्तेदार से संपर्क किया, जिसने हमें बताया कि शख्स दिल्ली के जरिए साउथ अफ्रीका के डरबन से खरगोन लौटा था. दिल्ली में वो मरकज कार्यक्रम में भी शामिल हुआ था, और उसकी पत्नी भी उसके साथ मौजूद थी.
उन्होंने आगे बताया कि मरकज कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों के पॉजिटिव आने की खबरों के बाद, शख्स ने 24 मार्च को खुद टेस्ट करवाया था, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. रिश्तेदार ने आगे कहा कि बाद में शख्स और उसकी पत्नी ने घर में आइसोलेशन में चले गए थे.
इसके बाद, दोनों ने 31 मार्च को फिर टेस्ट करवाया, सैंपल लेने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कर लिया गया था. इसकी रिपोर्ट 4 अप्रैल को आई, जिसमें शख्स का टेस्ट पॉजिटिव और पत्नी का टेस्ट नेगेटिव आया.
4 अप्रैल को खरगोन डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट ऑफिस से जारी एक निर्देश से भी कंफर्म होता है कि शख्स का टेस्ट पॉजिटिव आया है और उसके घर के आसपास की जगह को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है.
खबर दिखाए जाने के बाद, शख्स ने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें उसने कहा कि था कि उसकी हालत बेहतर है और वो इंदौर के एक अस्पताल में भर्ती है, और खबरों से विपरीत, उसकी मौत नहीं हुई है.
टेस्ट दो बार नेगेटिव आने के बाद, 12 अप्रैल को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था. वो अब वापस खरगोन लौट गया है और एक सेंटर में 14 दिनों के लिए क्वॉरन्टीन में रखा गया है.
हालांकि, ये सच है कि शख्स की मां की मौत हो गई है. रिश्तेदार ने हमें बताया कि मां की मौत हार्ट अटैक से हुई और मौत के बाद वो COVID-19 पॉजिटिव पाई गईं.
द क्विंट ने खरगोन डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, गोपाल चंद्रा दाद से भी शख्स की मौत की खबर के बारे में पूछताछ की. उन्होंने हमें बताया कि ये फेक है. दाद ने कहा, "मैंने ऐसी कोई बात नहीं कही. मैंने बस ये कहा कि उसकी मां की मृत्यु हो गई. अब उसका दो बार टेस्ट नेगेटिव आया है और वो खरगोन आ गया है, मैंने एक सेंटर में 14 दिनों के लिए उसे क्वॉरन्टीन किया."
हालांकि, न्यूज रिपोर्ट में कही ये बात सही है कि शख्स के परिवार के कई सदस्यों का टेस्ट पॉजिटिव आया है.
क्या उसने छिपाई यात्रा की जानकारी?
न्यूज आर्टिकल के मुताबिक, शख्स ने स्थानीय अधिकारियों से अपनी यात्रा की जानकारी भी छिपाई.
इस पर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ने कहा, "मैं नहीं कह सकता कि उसने अपनी यात्रा की जानकारी छिपाई. लेकिन उसने कोई उचित जानकारी नहीं दी. उन्होंने होम विजिट पर डॉक्टर से कहा होगा, लेकिन मेरे पास कोई जानकारी नहीं थी."
हालांकि, रिश्तेदार ने कहा कि मरीज ने डॉक्टर और स्थानीय प्रशासन को अपनी पुरानी यात्रा की जानकारी दी थी और ये भी बताया था कि वो दिल्ली में मरकज कार्यक्रम में शामिल हुआ था.
द क्विंट को मिले वीडियो में, शख्स ने भी कहा है कि उसने अस्पताल प्रशासन और पुलिस को 24 मार्च को इंफॉर्म किया था.
इससे साफ होता है कि मीडिया में मरीज की मौत को लेकर गलत जानकारी दिखाई गई.
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