Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पटाखे हो सकते हैं पूरी तरह बैन, विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

पटाखे हो सकते हैं पूरी तरह बैन, विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया था

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया था.
i
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया था.
(फोटो: iStocks)

advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह इस बात पर विचार करेगा कि क्या पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिये. कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि दीपावली के दौरान वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है.

कोर्ट ने कहा कि त्योहारों के दौरान प्रदूषण के बेहद ऊंचे स्तर तक पहुंच जाने की वजह से दिल्ली में तकरीबन 20-25 फीसदी बच्चे सांस से संबंधित समस्याओं से पीड़ित रहते हैं.

जस्टिस ए के सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने कहा, ‘‘क्या हमें व्यापक नजरिया अपनाना चाहिए और प्रदूषण में योगदान देने वाली हर चीज पर प्रतिबंध लगाना चाहिए या अस्थायी नजरिया अपनाना चाहिए और केवल पटाखों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए?"

बचाव पक्ष ने दी ये दलील

कोर्ट ने इस पर भी गौर किया कि वायु प्रदूषण छोटे बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है और जहरीले पटाखे जलाए जाने से हवा का जहरीलापन बढ़ जाता है. एक पटाखा बनाने वाली कंपनी की ओर से मौजूद वरिष्ठ एडवोकेट सी ए सुंदरम ने दलील दी कि स्टडी के मुताबिक, पटाखों पर प्रतिबंध से वायु प्रदूषण पर काफी कम असर पड़ता है और इस मुद्दे पर वैज्ञानिक स्टडी होनी चाहिए. कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 8 अगस्त को तय की है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अपने परिजनों के माध्यम से तीन नाबालिगों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सीमित समय के लिए दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया था. दिवाली पर इस प्रतिबंध में ढील देने से भी कोर्ट ने इनकार कर दिया था.

(इनपुट: भाषा)

ये भी पढ़ें - बिहार: 31 घंटे बाद 110 फीट गहरे बोरवेल से सुरक्षित निकाली गई सना

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT